रेलवे की सौर ऊर्जा निविदा को नहीं मिले बोलीदाता, बोली की समयसीमा बढ़ी

रेलवे की सौर ऊर्जा निविदा को नहीं मिले बोलीदाता, बोली की समयसीमा बढ़ी

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  • Publish Date - November 15, 2020 / 12:29 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:32 PM IST

नयी दिल्ली, 15 नवंबर (भाषा) रेलवे की जमीन पर एक हजार मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए जारी निविदा पर सौर ऊर्जा परियोजना विकासकर्ताओं की प्रतिक्रिया फीकी है।सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि सरकारी एजेंसी एसईसीआई के पास पहले ही 14 गीगावाट (14,000 मेगावाट) अधिशेष क्षमता की परियोजनाए उपलब्ध है।

अग्रणी सौर ऊर्जा कंपनियों के तीन सूत्रों ने कहा कि भारतीय रेलवे (49 प्रतिशत) और राइट्स लिमिटेड (51 प्रतिशत) की संयुक्त उद्यम कंपनी रेलवे एनर्जी मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (आरईएमसीएल) की निविदा पर उत्साहजनक प्रतिक्रिया नहीं मिली है, जिसके कारण बोली की समयसीमा को कई बार बढ़ाया गया है।

उन्होंने कहा कि सौर परियोजनाओं की बोली लगाने वाली सरकारी एजेंसी भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई) के पास पहले ही मांग से अधिक 14 हजार मेगावाट उत्पादन क्षमता की परियोजनाएं उपलब्ध है, जो परिचालन और कार्यान्वय के विभिन्न चरणों में है।

उन्होंने बताया कि एसईसीआई पहले ही प्रतिस्पर्धी बोलियों के जरिए बिजली काफी सस्ती दरें हासिल करचुकी है। उनकी राय में ऐसे में रेलवे को नयी क्षममा जोड़ने के लिए एक और केंद्रीय एजेंसी से निविदाएं मंगवाने से अच्छा होगा कि वह इन परियोजनाओं से बिजली ले।

सूत्रों ने कहा कि किसी भी विकासकर्ता ने अब तक निविदा के लिए बोली नहीं लगाई है।

आरईएमसीएल ने इस साल अप्रैल में टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली के तहत रेलवे की खाली जमीनों पर कुल एक हजार मेगावाट क्षमता वाली सौर बिजली परियोजना स्थापित करने के लिए निविदा जारी की थी।

शुरुआत में बोली लगाने के लिए अंतिम तारीख 30 जून थी, जिसे बाद में 25 नवंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया था।

भाषा पाण्डेय मनोहर

मनोहर