RBI Torn Currency Notes: पुराने और ​कटे-फटे नोटों से बनेगा फर्नीचर, RBI ने लिया बड़ा फैसला, जानिए कैसे होगा ये

RBI Torn Currency Notes: पुराने और ​कटे-फटे नोटों से बनेगा फर्नीचर, RBI ने लिया बड़ा फैसला, जानिए कैसे होगा ये

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  • Publish Date - May 30, 2025 / 12:27 PM IST,
    Updated On - May 30, 2025 / 12:27 PM IST

RBI Torn Currency Notes: पुराने और ​कटे-फटे नोटों से बनेगा फर्नीचर / Image Source: Google Image

HIGHLIGHTS
  • RBI अब पुराने और कटे-फटे नोटों से बनाएगा पार्टिकल बोर्ड
  • हर साल 15,000 टन से अधिक पुराने नोटों का होगा पुनर्चक्रण
  • नोट जलाने की बजाय पर्यावरण अनुकूल निपटारा, साथ ही आमदनी भी

नई दिल्ली: RBI Torn Currency Notes भारत में हर राज्य में बारहों महीना अलग परिवेश और मौसम होता है, जिसके चलते अलग-अलग राज्यों के लोगों के रहन सहन में बदलाव देखने को मिलता है। अलग-अलग परिवेश होने के चलते आरबीआई की ओर से जारी की गई भारतीय मानक मुद्रा को संभालकर रख पाना मुश्किल होता है। ऐसे में ये देखने को मिलता है कि बैंक से तो नए नोट जारी होते हैं, लेकिन कुछ ही दिन बाद ये नोट फटने और गलने लगते हैं। इन नोटों को बनाने में विशेष कैमिकल का उपयोग किया जाता है, जिसके चलते इसे गलाने या जलाने में पर्यावरण को खतरा रहता है। वहीं, अब पर्यावरण को देखते हुए आरबीआई ने पुराने और गले नोटों का निपटारा करने के लिए अनोखा रास्ता अपनाया है।

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RBI Torn Currency Notes मिली जानकारी के अनुसार आरबीआई ने पुराने, कटे-फटे और चलन से बाहर हो चुके नोटों को निपटारे के लिए अब नया तरीका अपनाने का फैसला लिया है जो पर्यावरण के लिहाज से भी बेहतर होगा। बताया जा रहा है कि RBI अब इन नोटों का इस्तेमाल पार्टिकल बोर्ड बनाने में करेगी। कहा जा रहा है कि आरबीआई ने पार्टिकल बोर्ड बनाने वाली कंपनी से भी इस संबंध में संपर्क किया है। हालांकि अ​भी इस संबंध में अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

बताया गया कि हर साल रिजर्व बैंक के पास 15,000 टन से ज्यादा ऐसे नोट जमा होते हैं, जो पुराने हो जाने, कट-फट जाने या अन्य कारणों से चलन से बाहर कर दिए जाते हैं। अब तक इन नोटों को या तो जलाकर या फिर सड़ाकर नष्ट किया जाता था। यह प्रक्रिया न केवल महंगी थी, बल्कि पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक थी। RBI ने अब पार्टिकल बोर्ड बनाने वाली कंपनियों से संपर्क किया है। योजना के तहत, रिजर्व बैंक इन खराब हो चुके नोटों को बारीक कतरनों में बदलकर इन कंपनियों को बेचेगा। इससे कंपनियों को सस्ता और टिकाऊ कच्चा माल मिलेगा, वहीं RBI के लिए नष्ट करने का खर्च भी घटेगा। इस प्रक्रिया से बैंक को अतिरिक्त आमदनी भी होगी।

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RBI ने यह कदम पर्यावरण हित में उठाया है। अब तक नोटों को जलाने या लैंडफिल में डालने की प्रक्रिया पर्यावरण के लिए हानिकारक मानी जाती थी। इसलिए बैंक ने केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन वुड साइंस एंड टेक्नोलॉजी संस्थान से इस विषय पर अध्ययन करवाया। अध्ययन में यह पाया गया कि पुराने नोटों की कतरन का इस्तेमाल पार्टिकल बोर्ड निर्माण में प्रभावी रूप से किया जा सकता है।

पुराने नोटों से पार्टिकल बोर्ड बनाने की योजना क्या है?

RBI अब पुराने और कटे-फटे नोटों को कतरकर पार्टिकल बोर्ड बनाने वाली कंपनियों को देगा, ताकि उनका उपयोग निर्माण सामग्री के रूप में किया जा सके।

क्या पुराने नोटों को जलाने की प्रक्रिया अब बंद होगी?

हाँ, पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए RBI अब नोटों को जलाने या लैंडफिल में दबाने की बजाय पुनर्चक्रण करेगा।

पुराने नोटों से पार्टिकल बोर्ड कैसे बनाया जाएगा?

RBI नोटों को बारीक टुकड़ों में काटकर पार्टिकल बोर्ड निर्माण कंपनियों को कच्चा माल के रूप में देगा, जिससे टिकाऊ बोर्ड बनाए जाएंगे।

क्या इस योजना से पर्यावरण को लाभ होगा?

बिलकुल। इस प्रक्रिया से वायु प्रदूषण और लैंडफिल वेस्ट कम होगा, जिससे पर्यावरण को सीधा फायदा पहुँचेगा।

पुराने नोटों से पार्टिकल बोर्ड योजना से RBI को क्या लाभ होगा?

इससे RBI को नोट नष्ट करने की लागत कम होगी और पुनर्चक्रण से अतिरिक्त राजस्व भी प्राप्त होगा।