वर्ष 2030 तक रियल एस्टेट बाजार एक लाख करोड़ डॉलर का होगाः पुरी

वर्ष 2030 तक रियल एस्टेट बाजार एक लाख करोड़ डॉलर का होगाः पुरी

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  • Publish Date - March 15, 2024 / 08:34 PM IST,
    Updated On - March 15, 2024 / 08:34 PM IST

नयी दिल्ली, 15 मार्च (भाषा) केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए वर्ष 2030 तक एक लाख करोड़ डॉलर के अनुमानित बाजार के साथ अत्यधिक परिपक्व और विकसित रियल एस्टेट क्षेत्र की जरूरत होगी।

रियल्टी कंपनियों के संगठन क्रेडाई की युवा शाखा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में पुरी ने कहा कि रियल एस्टेट नियामक कानून ‘रेरा’ का लागू होना पूरे क्षेत्र के लिए एक परिवर्तनकारी घटनाक्रम रहा है।

पुरी ने कहा, ‘‘वर्ष 2047 तक विकसित भारत को आवासीय और वाणिज्यिक दोनों क्षेत्रों में अत्यधिक परिपक्व और विकसित रियल एस्टेट क्षेत्र की भी जरूरत होगी।’’

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि डेटा सेंटर और वेयरहाउसिंग सहित वाणिज्यिक रियल एस्टेट में निवेश आ रहा है। इसके अलावा रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट्स) की शुरुआत से भी रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने में मदद मिली है।

पुरी ने कहा, ‘रेरा एक परिवर्तनकारी घटना थी। अर्थव्यवस्था के सबसे बड़े क्षेत्रों में से एक के पास लगभग 70 वर्षों तक कोई नियामक नहीं होना आश्चर्यजनक था।’

उन्होंने कहा कि देश भर में 1,22,553 रियल एस्टेट परियोजनाएं और 86,262 रियल एस्टेट एजेंट इस नियामक के साथ पंजीकृत हैं। हालांकि उन्होंने यह माना कि कुछ राज्य रेरा के कार्यान्वयन में दूसरों से बेहतर कर रहे हैं।

पुरी ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र देश का दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता है। उन्होंने कहा, ‘अनुमान है कि यह क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 15 प्रतिशत का योगदान देगा और वर्ष 2030 तक बाजार का आकार एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा।’

उन्होंने कहा कि देश की बढ़ती शहरी जरूरतों को पूरा करने के लिए वर्ष 2030 तक 2.5 करोड़ अतिरिक्त किफायती आवासों की जरूरत होगी।

भाषा राजेश राजेश प्रेम

प्रेम