सेबी ने म्यूचुअल फंड कंपनियों के ‘मत’ पर दिशानिर्देश जारी किए

सेबी ने म्यूचुअल फंड कंपनियों के ‘मत’ पर दिशानिर्देश जारी किए

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  • Publish Date - March 5, 2021 / 03:58 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:56 PM IST

नयी दिल्ली, पांच मार्च (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कंपनियों के प्रस्तावों पर म्यूचुअल फंड कंपनियों के मताधिकार (वोट) के प्रयोग के संबंध में दिशानिर्देश जारी किए हैं। नियामक ने यह कदम साझा कोषों के इस तरह फैसलों में पारदर्शिता सुधारने तथा उन्हें मताधिकार का इस्तेमाल करते समय यूनिटधारकों के सर्वश्रेष्ठ हित में करने को प्रोत्साहित करने के लिए उठाया है।

सेबी के शुक्रवार को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि म्यूचुअल फंड कंपनियों (उनकी पैसिव निवेश योजना इंडेक्स फंड सहित), एक्सचेंज ट्रेडेड कोषों को ऐसी कंपनियों के किसी संबंधित पक्ष के साथ लेनदेन तथा उनमें कंपनी के संचालन के मुद्दों पर अपने मत का प्रयोग अनिवार्य रूप से करना होगा जिनमें उन्होंने निवेश कर रखा है।

इसके अलावा म्यूचुअल फंड कंपनियों को कामकाज के संचालन यानी कॉरपोरेट गवर्नेंस के मामले में अपना मत देना होगा। इनमें कंपनी के गठन में बदलाव, विलय और अन्य कॉरपोरेट पुनर्गठन, अधिग्रहण रोधी प्रावधान के अलावा पूंजी ढांचा शामिल है।

इसके अलावा शेयर विकल्प योजना और प्रबंधन के मुआवजे से संबंधित मुद्दों, कॉरपोरेट और सामाजिक दायिवत्व मुद्दों, निदेशकों की नियुक्ति या उन्हें हटाने तथा यूनिटधारकों के हितों को प्रभावित करने वाले अन्य मुद्दों पर भी मताधिकार जरूरी होगा। यदि मतदान के दिन म्यूचुअल फंड का कोई आर्थिक हित नहीं है, तो उन्हें अनिवार्य मतदान से छूट दी जा सकती है।

भाषा अजय अजय मनोहर

मनोहर