(Stock Market Prediction, Image Source: Meta AI)
Stock Market Prediction: सोमवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट के बाद आज मंगलवार का दिन मंगलमय नजर आया। दरअसल अमेरिकी टैरिफ से ग्लोबल स्तर पर ट्रेड वॉर गहराने के डर से सोमवार को भारी बिकवाली के कारण पिछले दस महीने की सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट दर्ज की गई। किंतु आज शुरुआती कारोबार में जबरदस्त लिवाली से शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी से रिकवर कर ली है। बता दें कि सोमवार को लगभग 2226 अंकों तक बाजार गिर गया था। जिसके बाद निवेशकों को एक दिन में करीब 14 लाख करोड़ रुपये का तगड़ा झटका लगा था। हालांकि, आज मंगलवार को बाजार ने कुछ हद तक रिकवर करता नजर आया है और कारोबार के दौरान 1500 अंक तक उछाल देखा गया था। इससे निवेशकों के लिए आज का दिन खुशियों भरा रहा। किंतु इसी बीच निवेशकों के लिए डराने वाली एक बड़ी खबर सामने आ रही है।
ब्लैकरॉक के सीईओ लैरी फिंक ने चेतावनी दी है कि भले ही ग्लोबल इक्विटी में मामूली उछाल देखा गया हो, लेकिन बाजार में गिरावट का सबसे बुरा दौर अभी समाप्त नहीं हुआ है। उन्होंने कहा है कि यदि अमेरिका में मंदी की आशंका बढ़ी तो बाजार में और 20% की गिरावट आ सकती है। रॉयटर्स के मुताबिक, फिंक ने न्यूयॉर्क के इकोनॉमिक क्लब में यह बयान दिया और बताया कि जिन सीईओ से उन्होंने बात की उनमें से अधिकांश का मानना है कि हम मंदी के दौर से जा रहे हैं।
फिंक ने महंगाई और कीमतों में बढ़ोतरी के लिए अमेरिका द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ को दोषी ठहराया, जिससे बाजारों में खराब सेंटिमेंट और दबाव बढ़ा। उनका कहना था कि इन टैरिफ के कारण आर्थिक अनिश्चितता का माहौल बना है और इससे बाजारों की स्थिरता पर प्रभाव पड़ा है।
यकीनन मंगलवार को ग्लोबल मार्केट में सुधार हुआ है, लेकिन फिंक ने फिर से चेतावनी दी है कि यह सुधार लंबे समय तक टिकने वाला नहीं माना जा सकता। एक रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रंप चीन को छोड़कर अन्य देशों के लिए टैरिफ में 90-दिवसीय विराम पर विचार कर रहे थे, जिससे बाजारों में मामूली तेजी आई थी, लेकिन व्हाइट हाउस ने इसे फर्जी खबर बताकर खारिज कर दिया।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।