रबी सत्र के पहले दो महीनों में गेहूं का रकबा 5.36 प्रतिशत बढ़ा

रबी सत्र के पहले दो महीनों में गेहूं का रकबा 5.36 प्रतिशत बढ़ा

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  • Publish Date - December 2, 2022 / 06:00 PM IST,
    Updated On - December 2, 2022 / 06:00 PM IST

नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) रबी सत्र के पहले दो महीनों में गेहूं की बुवाई का रकबा सालाना आधार पर 5.36 प्रतिशत बढ़कर 211.62 लाख हेक्टेयर हो गया है। शुक्रवार को जारी कृषि मंत्रालय के आंकड़ों में राजस्थान, बिहार और उत्तर प्रदेश में गेहूं की खेती का रकबा बढ़ने की सूचना है।

रबी सत्र की मुख्य फसल गेहूं की बुवाई अक्टूबर में शुरू होती है और मार्च-अप्रैल में इसकी कटाई होती है। इस मौसम में गेहूं के अलावा चना, उड़द के साथ-साथ मूंगफली और सरसों जैसे तिलहन भी उगाए जाते हैं।

मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक चालू रबी सत्र में अब तक 211.62 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हो चुकी है जबकि एक साल पहले की अवधि में यह रकबा 200.85 लाख हेक्टेयर था।

राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और पंजाब में अधिक रकबे में गेहूं की बुवाई हुई है।

चालू रबी सत्र में दो दिसंबर तक धान की बुवाई का रकबा मामूली रूप से बढ़कर 10.62 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह रकबा 9.53 लाख हेक्टेयर था। देश के कुछ इलाकों में खरीफ सत्र की मुख्य फसल धान की बुवाई रबी सत्र में भी होती है।

दलहन बुवाई का रकबा भी चालू रबी सत्र में दो दिसंबर को मामूली रूप से बढ़कर 112.67 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह रकबा 108.57 लाख हेक्टेयर था।

रबी सत्र की मुख्य दलहन फसल चना का रकबा मामूली रूप से बढ़कर 79.82 लाख हेक्टेयर हो गया है जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह रकबा 75.80 लाख हेक्टेयर था।

मोटे अनाजों की खेती का रकबा बढ़कर 32.63 लाख हेक्टेयर हो गया जबकि एक साल पहले की अवधि में यह रकबा 29.02 लाख हेक्टेयर था।

आंकड़ों से पता चलता है कि तिलहन की बुवाई का रकबा बढ़कर 83.07 लाख हेक्टेयर हो गया है जो एक साल पहले की अवधि में 75.55 लाख हेक्टेयर था। रबी सत्र के दौरान उगाई जाने वाली मुख्य तिलहन रेपसीड-सरसों है, जिसका रकबा पहले के 69.32 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 76.69 लाख हेक्टेयर हो गया है।

चालू रबी सत्र में दो दिसंबर को सभी रबी फसलों का कुल बुवाई का रकबा बढ़कर 450.61 लाख हेक्टेयर हो गया, जो साल भर पहले की समान अवधि में 423.52 लाख हेक्टेयर था।

भाषा राजेश राजेश प्रेम

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