(8th Pay Commission/ Image Credit: IBC24 News Customize)
नई दिल्ली: 8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने नवंबर की शुरुआत में 8वें वेतन आयोग (8th CPC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की घोषणा की और टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) भी जारी किए। इसके बाद से ही केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स में वेतन वृद्धि को लेकर उत्सुकता बढ़ गई है। इस आयोग द्वारा प्रस्तावित वेतन का आधार फिटमेंट फैक्टर होगा, जो वेतन और पेंशन संशोधन के लिए एक गुणक के रूप में काम करता है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि फिटमेंट फैक्टर का कोई तय फॉर्मूला नहीं है। इसे नियोक्ता, वेतन आयोग या कंपेनसेशन कमेटी कई आर्थिक और संस्थागत कारकों के आधार पर निर्धारित करती है। आम तौर पर इसमें मौजूदा बेसिक वेतन और ग्रेड पे, आवश्यक वेतन वृद्धि का आंकलन, महंगाई दर और CPI/ CPI-IW ट्रेंड, सरकार की वित्तीय क्षमता, निजी क्षेत्र में वेतन मानक और वेतन बजट की सीमा शामिल होते हैं। हर वेतन आयोग अपनी अवधि के आर्थिक आंकड़ों और नीतिगत प्राथमिकताओं के अनुसार गुणक तय करता है।
6वीं वेतन आयोग में मौजूदा बेसिक वेतन (डीए सहित) पर 1.74 गुणा सुझाया गया, जिसे बाद में 1.86 तक बढ़ाया गया। 7वें वेतन आयोग में सभी कर्मचारियों के लिए 2.57 का समान फिटमेंट फैक्टर अपनाया गया, जिसमें डीए का न्यूट्रलाइजेशन और वास्तविक वृद्धि शामिल थी। 2016 तक डीए 125% तक पहुंच गया था, जिससे मूल वेतन और ग्रेड पे के साथ प्रभावी वेतन 2.25 गुणा तक हो गया। आयोग ने इसके ऊपर 14.3% की वास्तविक वृद्धि जोड़कर 2.57 का गुणक तय किया।
विशेषज्ञ के अनुसार, 7वें सीपीसी में यह सभी कर्मचारियों के लिए समान था। अलग-अलग स्तरों के लिए Index of Rationalisation (IoR) अलग हो सकता है, लेकिन इसका फिटमेंट फैक्टर से सीधे संबंध नहीं है। अंतिम निर्णय केंद्रीय मंत्रिमंडल का होता है। उदाहरण के लिए, 6वें सीपीसी में सरकार ने आयोग की सिफारिश से अधिक फैक्टर को मंजूरी दी थी। ऐसे में 8वें वेतन आयोग के गुणक में भी सरकार जरूरत के अनुसार बदलाव कर सकती है।
फिटमेंट फैक्टर पर डीए और वार्षिक वृद्धि भी प्रभाव डालते हैं। कृष्णमूर्ति के अनुसार, डीए और देरी के कारण उच्च फिटमेंट फैक्टर का तर्क मजबूत हो जाता है, लेकिन सरकार की वित्तीय क्षमता इसकी सीमा तय करती है। उदाहरण के तौर पर 18,000 रुपये बेसिक वेतन में 1.8 फैक्टर पर 32,400 रुपये, डीए जोड़ने पर वास्तविक वृद्धि लगभग 13%। संभावित 8वें वेतन आयोग फैक्टर पर अनुमानित 2.13 तक। इसमें मौजूदा 58% डीए, अगले 18 महीने के 7% डीए, दो साल के 7% वार्षिक इंक्रीमेंट और परिवार इकाई के आकार में वृद्धि शामिल है। यदि महंगाई या परिवार इकाई का आकार अधिक हुआ, तो यह 2.13 से ऊपर भी जा सकता है।
फिटमेंट फैक्टर वेतन और पेंशन दोनों पर सीधा प्रभाव डालता है। उदाहरण के तौर पर-
50,000 रुपये बेसिक वेतन पर 91,500 रुपये से 1.23 लाख रुपये तक।
पेंशन पर असर: 2.0 फैक्टर पर 25,000 रुपये मूल वेतन वाली पेंशन 50,000 रुपये मूल वेतन तक बढ़ सकती है, पेंशन आधी हो जाएगी।