Reported By: Abhishek Soni
,Drunk Teacher/Image Source: IBC24
अंबिकापुर: Ambikapur News: शिक्षक समाज के आधार स्तम्भ होते है मगर यही आधार स्तम्भ शराब के नशे में डगमगाने लगे तो भला बच्चो का भविष्य कैसे सुधर सकेगा। सरगुज़ा संभाग में 1 साल के भीतर करीब 14शराबी शिक्षक शराब के नशे में धुत्त होकर स्कूल पहुचे मगर इनके खिलाफ निलम्बन की कार्रवाई ही हो सकी जिससे ऐसा करने वाले शिक्षको को सबक नही मिल पा रहा और न ही ये सिलसिला ही रुक पा रहा है। शिक्षा विद कठोर कार्रवाई के पक्ष में है तो वही अब जिम्मेदार विभाग इस ओर कड़े कदम उठाने की बात कह रहा है। Drunk Teacher
Drunk Teacher: कही नशे में बच्चो के साथ डांस करते गुरुजी तो कही शराब पीकर जमीन पर लोटते गुरुजी कही खुद ये मानते की थोड़ी सी पी ली तो क्या बुरा किया। ये तश्वीर है सरगुज़ा समभाग के अलग अलग इलाक़ो के स्कुलो में सामने आये शिक्षको के करतूतों की। जिसके कारनामो से पूरा समाज सर्मसार हो रहा है। दरअसल सरगुजा सम्भाग में आये दिन शराबी शिक्षको के कारनामे सामने आते रहते है मगर इनके खिलाफ सिर्फ निलम्बन की कार्रवाई होती है और फिर ये बहाल कर दिये जाते है जिससे समाज मे एक गलत प्रभाव आ रहा है। शिक्षा विद भी मानते है कि छग सिविल सेवा आचरण 1965 कर अनुशार ऐसा कृत्य करने वालो के खिलाफ निलम्बन के साथ साथ वेतन कटौती, विभागीय जांच और इसकी पुनरावर्त्ति होने पर बर्खास्तगी की कार्रवाई भी की जा सकती है और ऐसा होना भी चाहिए ताकि ऐसा कृत्य करने वालो को सबक मिल सके।
Drunk Teacher: फरवरी 2025 में कुसमी क्षेत्र में एक शिक्षक नशे की हालत में स्कूल पहुंचा, लेकिन उसे सिर्फ निलंबित किया गया। उदयपुर ब्लॉक में शिक्षक नशे में जमीन पर लोटते नजर आए। कार्रवाई सिर्फ निलंबन तक सीमित रही।लखनपुर के गुमगरा में एक शिक्षक ने जांच टीम के सामने खुद शराब पीने की बात स्वीकार की और धमकी दी कि “जो करना है कर लो, फिर भी कार्रवाई सिर्फ निलंबन रही। बलरामपुर जिले में एक शिक्षक का छात्राओं के साथ डांस करते वीडियो वायरल हुआ लेकिन उसे भी सिर्फ निलंबित किया गया।
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Drunk Teacher: संजय गुप्ता, संयुक्त संचालक, स्कूल शिक्षा विभाग ने भी माना कि सरगुजा में इस तरह की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि अब तक इन मामलों में सिर्फ निलंबन किया गया है, लेकिन अब विभाग ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज करने और दंडात्मक कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। यह जरूरी है कि बार-बार शराब पीकर स्कूल आने वाले शिक्षकों की एक सूची तैयार की जाए और उन्हें विशेष कार्यशालाओं के माध्यम से ‘जीवन मूल्य’ और आचरण सुधार की शिक्षा दी जाए। इससे वे आत्मचिंतन कर सकें और समाज व बच्चों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझ सकें।