Navratri 2025: माँ महामाया के बिना अधूरी है नवरात्रि! जानिए क्यों जरूरी है समलाया देवी के भी दर्शन, दो बहनों का अद्भुत दरबार

Navratri 2025: माँ महामाया के बिना अधूरी है नवरात्रि! जानिए क्यों जरूरी है समलाया देवी के भी दर्शन, दो बहनों का अद्भुत दरबार

  • Reported By: Abhishek Soni

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  • Publish Date - September 22, 2025 / 12:36 PM IST,
    Updated On - September 22, 2025 / 12:37 PM IST

Navratri 2025/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • अम्बिकापुर की शक्ति साधना,
  • जब तक न हों समलाया के दर्शन,
  • अधूरी मानी जाती है महामाया की पूजा.

अंबिकापुर : Navratri 2025:  शक्ति की उपासना का पर्व शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है और माता के दरबार में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। IBC24 भी आपको ऐसे ही शक्तिपीठों के दर्शन कराएगा। आज हम आपको लिए चलते हैं अंबिकापुर जहां आदि शक्ति महामाया का दरबार तो है ही मगर यहाँ उनकी बहन समलाया भी विराजमान हैं। ऐसी मान्यता है कि दोनों बहनों के दर्शन से ही सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।

नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है और भक्त माँ की पूजा-अर्चना में जुट गए हैं। नवरात्र के पहले दिन माता के शैलपुत्री रूप की पूजा हो रही है। अंबिकापुर के माँ महामाया मंदिर में भी भक्त सुबह से ही माता के दर्शन को पहुँच रहे हैं। माँ महामाया को सरगुजा की आराध्य देवी के रूप में भी जाना जाता है। यही कारण है कि यहाँ हर शुभ काम की शुरुआत माँ के दर्शन से की जाती है। अगर आप सरगुजा पहुँचे और आपने सिर्फ माँ महामाया के दर्शन किए, तो आपका दर्शन अधूरा ही माना जाएगा क्योंकि माँ के दर्शन करने के बाद उनकी छोटी बहन के दर्शन भी अनिवार्य माने गए हैं। चलिए आपको यह भी बताते हैं कि कहाँ स्थापित हैं माँ की बहन और कैसे पहुँचा जा सकता है वहाँ।

Navratri 2025:  दरअसल मुख्य मंदिर से लगभग आधा किलोमीटर दूर, शहर की ही ओर स्थित है माँ समलाया का मंदिर। ऐसी मान्यता है कि मुख्य मंदिर से ही एक मूर्ति निकालकर यहाँ स्थापित की गई थी जिसे माँ महामाया की छोटी बहन यानी समलाया के रूप में पूजा जाता है। इस मंदिर में भी दो प्रतिमाएँ हैं एक माँ समलाया की और दूसरी माँ विंध्यवासिनी की। यह भी माना जाता है कि यदि आपने माँ महामाया के दर्शन कर लिए हैं तो आपको उनकी छोटी बहन यानी समलाया के दर्शन करना अनिवार्य होगा तभी आपका दर्शन पूर्ण माना जाएगा। यही कारण है कि दोनों ही मंदिरों में अपार भीड़ नजर आ रही है।

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अंबिकापुर माँ महामाया मंदिर के दर्शन का सही समय क्या है?

उत्तर: माँ महामाया मंदिर सुबह 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक खुला रहता है। नवरात्र के दिनों में दर्शन का समय बढ़ा दिया जाता है और विशेष व्यवस्था रहती है।

माँ समलाया मंदिर कहाँ स्थित है और वहाँ कैसे जाएं?

उत्तर: माँ समलाया मंदिर, माँ महामाया मंदिर से लगभग 500 मीटर की दूरी पर शहर की ओर स्थित है। आप पैदल या स्थानीय साधनों से आसानी से पहुँच सकते हैं।

क्या माँ समलाया मंदिर के दर्शन जरूरी हैं अगर हमने महामाया मंदिर के दर्शन किए हैं?

उत्तर: हाँ, मान्यता है कि माँ महामाया के दर्शन तभी पूर्ण माने जाते हैं जब उनकी बहन माँ समलाया के भी दर्शन किए जाएं।

नवरात्र में अंबिकापुर में कौन-कौन से विशेष आयोजन होते हैं?

उत्तर: नवरात्र में विशेष पूजा, जागरण, भजन संध्या और कन्या पूजन जैसे आयोजन होते हैं। मंदिर में विशेष साज-सज्जा की जाती है।

अंबिकापुर नवरात्र दर्शन के लिए कोई ऑनलाइन बुकिंग या पास की आवश्यकता है क्या?

उत्तर: फिलहाल सामान्य दर्शन के लिए कोई ऑनलाइन बुकिंग जरूरी नहीं है, लेकिन भीड़ अधिक होने पर प्रशासन कतार और दर्शन के लिए विशेष प्रबंध कर सकता है।