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रायपुर: छत्तीसगढ़ में बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे की मोर्चाबंदी करने में जुटे हैं। सूबे में ED की ताबड़तोड़ कार्रवाई और गिरफ्तारी के बीच पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि बीजेपी चाहती थी किवो उनके सामने शरणागत हो जाए, लेकिन उन्होंने ऑफर को ठुकरा दिया। जिसपर डिप्टी सीेएम ने उन्हें मुगालते में न रहने की बात कही।
डिप्टी सीएम अरुण साव अपने बयान में जिस शख्स का जिक्र कर रहे हैं वो और कोई नहीं बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हैं। जिन्होंने एक दिन पहले ही बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्हें भी हिमंता विस्वा शर्मा की तरह शरणागत होने का ऑफर दिया गया लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
बघेल यहीं नहीं रूके उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के जरिए राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश हो रही, लेकिन वे किसी भी जांच या कार्रवाई से डरने वाले नहीं है। पूर्व सीएम के बयान पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आईना दिखाते हुए पलटवार किया कि कानून सबके लिए एक है, जो अपराधी होगा, उसपर कार्रवाई जरूर होगी।
सूबे में इन दिनों पिछली कांग्रेस सरकार में कथित घोटालों को लेकर ED की कार्रवाई और गिरफ्तारी पर सियासी क्लेश थमा भी नहीं था कि अब भूपेश बघेल के शरणागत वाले बयान पर सियासत शुरू हो गई है। अब सवाल है कि क्या पूुर्व मुख्यमंत्री को गिरफ्तारी का डर सता रहा है और वो अपने आप को बचाने के लिए ऑफर वाला शिगुफा छोड़ा है।