Ratanpur Mahamaya Mandir
Ratanpur Mahamaya Mandir: बिलासपुर। शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है। आज पंचमी तिथि है। मातारानी के भक्त उनके प्रसिद्ध स्थानों पर दर्शन करने पहुंच रहे हैं। इन्ही में से एक है रतनपुर में स्थित मां महामाया का मंदिर। यहां हर साल लाखों की संख्या में भक्त माता के दर्शन करने पहुंचते हैं। इस साल भी काफी भीड़ देखने को मिल रही है। इसी कड़ी में SP दर्शनार्थियों से अपील की है।
SP ने दर्शनार्थियों से की अपील
SP ने कहा कि, माता दर्शन के दौरान लाइन में लगे लोग पुलिस और एक-दूसरे का सहयोग करें। बता दें कि कल यानि रविवार को 1 लाख से अधिक भक्त रतनपुर पहुंचे थे। ऐसे में अब सप्तमी पदयात्रा के दौरान भीड़ नियंत्रित करना बड़ी चुनौती है।
51 शक्तिपीठों में से एक है महामाया देवी का मंदिर
बता दें कि, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिला मुख्यालय से 24 किलोमीटर दूरी पर रतनपुर में मां महामाया देवी का मंदिर स्थित हैं, जिसे 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। देवी महामाया को कोसलेश्वरी के नाम से भी जाना जाता है, जो पुराने दक्षिण कोसल क्षेत्र की अधिष्ठात्री देवी हैं। माना जाता है कि सती की मृत्यु से व्यथित भगवान शिव उनके मृत शरीर को लेकर तांडव करते हुए ब्रह्मांड में भटकते रहे। इस समय माता के अंग जहां-जहां गिरे, वहीं शक्तिपीठ बन गए। इन्हीं स्थानों को शक्तिपीठ रूप में मान्यता मिली। महामाया मंदिर में माता का दाहिना स्कंध गिरा था। भगवान शिव ने स्वयं आविर्भूत होकर उसे कौमारी शक्ति पीठ का नाम दिया था।
रतनपुर राज्य की कुलदेवी हैं मां महामाया
Ratanpur Mahamaya Mandir: परंपरागत रूप से महामाया रतनपुर राज्य की कुलदेवी हैं। माना जाता है कि सती की मृत्यु से व्यथित भगवान शिव उनके मृत शरीर को लेकर तांडव करते हुए ब्रह्मांड में भटकते रहे। इस समय माता के अंग जहां-जहां गिरे, वहीं शक्तिपीठ बन गए। इन्हीं स्थानों को शक्तिपीठ रूप में मान्यता मिली। इस मंदिर में एक साथ दो देवियां हैं। ऊपर में महालक्ष्मी और नीचे महासरस्वती। ऐसा अनूठा देवी मंदिर वैष्णव देवी मंदिर के अलावे और कहीं नहीं है। इसके अलावा देश में जितने भी देवी मंदिर हैं, सबमें एक ही देवी की प्रतिमा देखने को मिलती हैं।