Bilaspur High Court: सोमवार से शनिवार मां के पास..वीकेंड पर पिता के पास रहेगा बेटा, कस्टडी केस में मां-पिता दोनों को मिला अधिकार

Bilaspur High Court: सोमवार से शनिवार मां के पास..वीकेंड पर पिता के पास रहेगा बेटा, कस्टडी केस में मां-पिता दोनों को मिला अधिकार

Bilaspur High Court | Photo Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • बिलासपुर हाईकोर्ट ने बच्चे की कस्टडी मामले में नई व्यवस्था तय की
  • सोमवार से शनिवार सुबह तक बच्चा मां के पास, वीकेंड पर पिता के पास रहेगा
  • कोर्ट ने लंबी छुट्टियों और त्यौहारों में भी पिता संग समय बिताने का आदेश दिया

बिलासपुर: Bilaspur High Court बिलासपुर हाईकोर्ट ने बच्चे के कस्टडी के मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए किशोर की जिंदगी में संतुलन बनाने का नई शर्तें तय की है। जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस ए के प्रसाद की डिवीजन बेंच ने अलग रह रहे दंपती के बीच किशोर की जिंदगी को संतुलित बनाने के लिए नया फार्मूला तय किया है।

Bilaspur High Court आदेश में तय किया गया है कि सोमवार से शनिवार सुबह तक बच्चा मां के पास रहेगा,शनिवार सुबह तक बच्चा मां के पास रहेगा, शनिवार को स्कूल से किशोर के पिता उसे ले जाएंगे और सोमवार सुबह तक वह अपने पिता के साथ रहेगा। इस बीच कोर्ट ने लंबी छुट्टियों में 5 से 10 दिन और त्यौहारों में भी पिता के साथ समय बिताने का आदेश जारी किया है।

बता दें कि रायपुर निवासी दंपती की वर्ष 2009 में शादी हुई और 2010 में उनका बेटा हुआ। कुछ साल बाद दोनों के बीच विवाद हुआ और अलग हो गए । अभी 15 साल का बच्चा अपने मां के साथ रह रहा है। इस बीच वर्ष 2018 में बच्चे की कस्टडी के लिए उसके पिता ने परिवार न्यायालय में आवेदन दिया,जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। फिर परिवार कोर्ट के इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। कोर्ट ने अपने निर्णय में बच्चे की भावना को ध्यान में रखते हुए दोनों पक्षों की सहमति से नई व्यवस्था तय की है।

हाईकोर्ट ने बच्चे की कस्टडी को लेकर क्या नया फैसला दिया?

कोर्ट ने तय किया कि बच्चा सोमवार से शनिवार सुबह तक मां के पास रहेगा और शनिवार स्कूल के बाद से सोमवार सुबह तक पिता के पास रहेगा।

छुट्टियों और त्यौहारों में बच्चे की कस्टडी किसके पास रहेगी?

कोर्ट ने आदेश दिया है कि लंबी छुट्टियों (5-10 दिन) और त्यौहारों में बच्चा पिता के साथ समय बिताएगा।

यह मामला किस परिवार से जुड़ा है?

यह रायपुर निवासी दंपती का मामला है, जिनकी शादी 2009 में हुई थी और 2010 में उनका बेटा हुआ।