शह मात The Big Debate : गाइडलाइन दर पर मचा बवाल.. विरोध, प्रदर्शन और सवाल! आखिर इसे लेकर सियासी दंगल में उतारना कितना सही है?

गाइडलाइन दर पर मचा बवाल.. विरोध, प्रदर्शन और सवाल! Chhattisgarh government increased the guideline rate of land

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  • Publish Date - November 26, 2025 / 11:49 PM IST,
    Updated On - November 27, 2025 / 12:18 AM IST

Land Guideline Rate. Image Source- IBC24

रायपुरः Land Guideline Rate जब भी आप जमीन खरीदी-बिक्री कराते हैं तो उस पर आपको सरकार की तय गाइडलाइन के मुताबिक तय रजिस्ट्री दर देनी होती हैवक्त-वक्त पर सरकार इन दरों को रिवाइज करती रही हैइस बार भी सरकार ने ऐसा ही किया, लेकिन इसे लेकर विरोध और बयानों वाली सियासी जंग भी छिड़ गईकांग्रेस कहती है सरकार आमजन की जेब काट रही है तो भाजपा कहती है सरकार में रहते कांग्रेस ने माफिया के मुताबिक रेट तय कीसवाल है जनहित में कौन है और कौन सियासी मोड में?

Land Guideline Rate 8 साल के अंतराल के बाद बाद राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ में जमीनों के गाइडलाइन रेट बढ़ा दिए हैंसरकार के मुताबिक सरकारी गाइडलाइन रेट और जमीनों के वास्तविक बाजार दाम में बड़ा फर्क आ रहा थासरकारी खजाने को नुकसान था सो अलग, साथ ही मध्यम वर्गीय लोग जो होम लोन के जरिए जमीन-मकान खरीदते हैं उन्हें भी इस अंतर के चलते बैंकों से जरुरत के अनुसार लोन नहीं मिल पा रहा थाइसके अलावा एक ही एरिया में अलग-अलग गाइड लाइन रेट जैसी विषमताओं को भी दूर किया गया हैमसलन- रोड के एक तरफ संपत्ति की गाइडलाइन रेट 14 हजार थी तो दूसरी तरफ 80 हजार, रिंग रोड नंबर-3 पर एक किलोमीटर के दायरे में ही, तीन अलग-अलग रेट चल रहे थे, जिसका जमीन माफिया जमकर फायदा उठा रहे थेदावा है कि इसे समझने के लिए 7 महीने में चप्पे-चप्पे में जमीन का सर्वे कराया गया और एक तार्किक रेट तैयार किये गएहालांकि, इस दावे से उलट नई गाइडलाइन का रियल स्टेट से जुड़े लोगों ने कड़ा विरोध शुरू कर दिया हैविपक्षी दल कांग्रेस ने इसे लेकर कलेक्ट्रेट का घेराव कर, ज्ञापन सौंपाचेतावनी दी को वो आगे भी आंदोलन जारी रखेंगे ।

इधर, इस विरोध और तर्तों को सत्तापक्ष ने सिरे से खारिज कियामंत्री ओपी चौधरी के मुताबिक, पिछली कांग्रेस सरकार ने साजिशन जमीन के रेट नहीं बढ़ने दियेदावा किया कि नए सुधारों से हर वर्ग को फायदा होगाइस बार काफी समय बाद नई गाइडलाइन को लेकर रियल स्टेट सेक्टर ने विरोध किया, जिसे विपक्ष ने फौरन समर्थन देकर इसे आमजन से धोखा बताया तो सरकार ने इतने साल गाइड लाइन रेट ना बढ़ाने को पिछली कांग्रेस सरकार की चाल बताते हुए इसे जरूरी और फायदेमंद कदम बतायासवाल ये है कि इस पर सियासत कौन कर रहा है कौन आम लोगों के हक की बात कह रहा है?