Cm Bhupesh Baghel on BJP : प्रदेश में पक्ष-विपक्ष के बीच की बहस बता रही है कि चुनाव पास आ रहे हैं। बीते दिनों उदयपुर में कांग्रेस ने चिंतन शिविर किया जिसे पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने चिंता का शिविर कहकर सवाल उठाए। पलटवार में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पहले रमन अपने पॉलिटिकल करियर कि चिंता करें, भाजपा प्रदेश प्रभारी जब आती हैं तो उन्हें पूछती भी नहीं है। जाहिर है इस पर फिर जवाब मिलना था। रमन सिंह ने जवाब में राहुल गांधी के बहाने कांग्रेस पर फिर कटाक्ष किया है। अब यहां बड़ा सवाल ये कि इस सवाल-जवाब के सिलसिले में इस बहस में आम जनता और उसके हित कहां है?
प्रदेश में विधानसभा चुनाव को अभी वक्त है, लेकिन कांग्रेस-बीजेपी के बीच सियासी जोर-आजमाइश जोर पकड़ते जा रही है। बीजेपी भूपेश सरकार को घेरने का मौका नहीं छोड़ रही है, तो वहीं सत्तापक्ष भी बीजेपी पर हमलावर है..बीते 16 तारीख को बीजेपी ने धरना-प्रदर्शन पर शर्तों को लेकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ जेल भरो आंदोलन किया था। बीजेपी ने सीएम भूपेश बघेल के निवास का घेराव करने की नाकाम कोशिश भी की थी। साथ ही बीजेपी कांग्रेस की चिंतन शिविर समेत कई मुद्दों पर सीएम बघेल और कांग्रेस को घेरने की कोशिश कर रही है। जिसका करारा जवाब आज सीएम भूपेश बघेल ने दिया।
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सीएम भूपेश बघेल बस्तर के दौरे पर जाने के पहले बेहद आक्रामक नजर आए। उन्होंने पूर्व गृहमंत्री बृजमोहन अग्रवाल के आरोपों का जवाब देते हुए बीजेपी को कठघरे में खड़ा किया और सीएम ने बीजेपी के 9 सांसदों की भी जमकर क्लास ली। मुख्यमंत्री यहीं नहीं रूके। उन्होंने कांग्रेस के चिंतन शिविर पर सवाल खड़े करने वाले पूर्व सीएम रमन सिंह को अपने सियासी करियर की चिंता करने की सलाह दे डाली। साथ ही ये सवाल भी दागा कि पुरंदेश्वरी छग आती है तो रमन सिंह को क्यों नहीं पूछती हैं। 15 साल मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह पर सीएम भूपेश बघेल ने कटाक्ष किया तो रमन सिंह भी पलटवार करने में देरी नहीं की।
खैर आरोप लगाने की ये कवायद ही सियासत की रिवायत है। कांग्रेस बीजेपी दोनों की नजरें 2023 के विधानसभा चुनाव पर है, एक को सत्ता बचानी है, तो दूसरे को सत्ता फिर से पानी है। लिहाजा दोनों तरफ से कोशिशें जारी है।