Chhattisgarh Municipal Election Update: क्या विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह कर सकते हैं भाजपा का चुनाव प्रचार?.. इलेक्शन कमीशन से की गई शिकायत

चुनाव के समय कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाकर यह दिखाने की कोशिश की है कि भाजपा सरकार चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस का आरोप है कि निर्वाचन अधिकारी सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं। इस राजनीतिक घमासान के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य निर्वाचन आयोग इस पर क्या निर्णय लेता है।

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  • Publish Date - February 7, 2025 / 04:49 PM IST,
    Updated On - February 7, 2025 / 05:07 PM IST

Dr. Raman Singh || Image- Dr Raman Singh Facebook

HIGHLIGHTS
  • बिलासपुर में भाजपा ने भी की थी किरणमयी नायक की शिकायत
  • राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष पर लगाया था प्रचार-प्रसार का आरोप
  • राज्य निर्वाचन आयोग को दी थी अर्जी

Complaint filed with Election Commission against Dr. Raman Singh: राजनांदगांव: विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह द्वारा राजनांदगांव नगर निगम महापौर पद के भाजपा प्रत्याशी मधुसूदन यादव के समर्थन में प्रचार करने को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस ने इसे संवैधानिक पद की गरिमा के उल्लंघन का मामला बताते हुए राज्य निर्वाचन आयोग से शिकायत दर्ज कराई है। वहीं, भाजपा का कहना है कि कांग्रेस के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं बचा है।

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कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ राजनांदगांव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने पर आपत्ति जताई है। पार्टी ने राज्य निर्वाचन आयोग से इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस का तर्क है कि संवैधानिक पद पर रहते हुए किसी भी पदाधिकारी को किसी राजनीतिक दल के लिए खुलकर प्रचार नहीं करना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि रमन सिंह भाजपा के वरिष्ठ नेता और तीन बार के मुख्यमंत्री रहे हैं, उन्हें अपनी पद की मर्यादा का पालन करना चाहिए। उन्होंने इसे संविधान और संवैधानिक पद की गरिमा का उल्लंघन बताया।

Complaint filed with Election Commission against Dr. Raman Singh: इस पर डॉ. रमन सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने संविधान को गहराई से पढ़ा है, जबकि उनके विरोधी केवल इसे अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कांग्रेस को सलाह दी कि वे इस विषय की चिंता न करें। भाजपा के पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है, इसलिए वे अनावश्यक विवाद खड़ा कर राजनीति कर रहे हैं।

इस संबंध में कानून विशेषज्ञ और पूर्व आईएएस अधिकारी सुशील त्रिवेदी का कहना है कि कोई स्पष्ट नियम नहीं है जो विधानसभा अध्यक्ष को राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग लेने से रोकता हो। हालांकि, नैतिकता के आधार पर संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को ऐसे आयोजनों से दूर रहने की परंपरा रही है।

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Complaint filed with Election Commission against Dr. Raman Singh: चुनाव के समय कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाकर यह दिखाने की कोशिश की है कि भाजपा सरकार चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस का आरोप है कि निर्वाचन अधिकारी सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं। इस राजनीतिक घमासान के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य निर्वाचन आयोग इस पर क्या निर्णय लेता है।

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1. क्या विधानसभा अध्यक्ष को चुनाव प्रचार करने की अनुमति है?

1. क्या विधानसभा अध्यक्ष को चुनाव प्रचार करने की अनुमति है?

2. कांग्रेस ने इस मामले में क्या आपत्ति जताई है?

कांग्रेस का कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष जैसे संवैधानिक पद पर रहते हुए किसी भी व्यक्ति को किसी राजनीतिक दल के पक्ष में खुलकर प्रचार नहीं करना चाहिए। इसे संविधान और संवैधानिक पद की गरिमा का उल्लंघन बताया गया है।

3. भाजपा इस विवाद पर क्या कह रही है?

भाजपा का कहना है कि कांग्रेस के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है, इसलिए वह अनावश्यक विवाद खड़ा कर रही है। भाजपा नेताओं का मानना है कि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कोई नियम नहीं तोड़ा है।

4. क्या राज्य निर्वाचन आयोग इस मामले में कोई कार्रवाई कर सकता है?

राज्य निर्वाचन आयोग को कांग्रेस की शिकायत मिली है, लेकिन अब तक इस पर कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है। आयोग कानूनी और नैतिक पहलुओं पर विचार कर सकता है।

5. इस विवाद का आगामी चुनाव पर क्या असर पड़ सकता है?

यह मुद्दा चुनावी माहौल को गरमाने का काम कर सकता है। कांग्रेस इसे भाजपा सरकार के चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास बता रही है, जबकि भाजपा इसे महज राजनीतिक हथकंडा मान रही है।