Publish Date - April 20, 2025 / 04:55 PM IST,
Updated On - April 21, 2025 / 12:08 AM IST
CG News: Photo Credit: IBC24
HIGHLIGHTS
फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव ने बिना वैध डिग्री के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष का इलाज किया।
इलाज के 20 दिन बाद राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की मौत, बेटे ने की शिकायत।
अपोलो अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ भी लापरवाही और मिलीभगत के आरोप में FIR दर्ज।
बिलासपुर : CG News: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की मौत के मामले अपोलो के फर्जी डॉक्टर और अपोलो प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ने स्व. राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल का ऑपरेशन किया था, ऑपरेशन के 20 दिन बाद उनकी मौत हो गई थी। सरकंडा थाना में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।
CG News : बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में 2006 में हुई छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष पं. राजेन्द्र शुक्ल की मौत के मामले में फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जान केम के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। आरोप है कि आरोपी डॉक्टर ने फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी कर इलाज किया, और लापरवाही से मौत का कारण बना। स्व राजेंद्र प्रसाद शुक्ल के बेटे प्रदीप शुक्ल ने सरकंडा थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद IPC की धारा 420, 465, 466, 468, 471, 304, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया। जांच में आरोपी के नाम, जन्मतिथि और पिता का नाम तक अलग-अलग पाए गए हैं। आरोपी डॉक्टर की गिरफ्तारी पहले ही मध्यप्रदेश के दमोह से हो चुकी है।
इस मामले में अपोलो प्रबंधन को भी आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि बिना दस्तावेज सत्यापन के अस्पताल प्रबंधन ने फर्जी डॉक्टर को भर्ती कर इलाज का मौका दिया, जिससे गंभीर लापरवाही हुई और मरीज की जान चली गई। पुलिस अब प्रबंधन की भूमिका की भी जांच कर रही है।
यह मामला बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ल की मौत से जुड़ा है, जहां फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव ने ऑपरेशन किया और बाद में उनकी मृत्यु हो गई।
क्या फर्जी डॉक्टर के खिलाफ FIR दर्ज की गई है?
हां, फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव के खिलाफ IPC की कई गंभीर धाराओं में FIR दर्ज हुई है, जिसमें धोखाधड़ी, कूटरचना और गैरइरादतन हत्या शामिल हैं।
अपोलो अस्पताल प्रबंधन पर भी क्या कार्रवाई हुई है?
जी हां, अस्पताल प्रबंधन पर भी FIR दर्ज की गई है क्योंकि उन्होंने बिना दस्तावेज सत्यापन के डॉक्टर को भर्ती किया, जिससे गंभीर लापरवाही हुई।
क्या फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार हो चुका है?
हां, आरोपी डॉक्टर मध्यप्रदेश के दमोह से गिरफ्तार किया जा चुका है और पुलिस जांच जारी है।
इस मामले में आगे क्या हो सकता है?
पुलिस अब अस्पताल प्रबंधन की भूमिका की जांच कर रही है, और संभव है कि कुछ वरिष्ठ अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो।