हुक्का बार बैन संबंधी विधेयक पर राज्यपाल अनुसुईया उइके ने की हस्ताक्षर, अब राष्ट्रपति की अनुमति के लिए भेजा जाएगा विधेयक

हुक्का बार बैन संबंधी विधेयक पर राज्यपाल अनुसुईया उइके ने की हस्ताक्षर : Governor approves bill regarding hookah bar ban in Chhattisgarh

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  • Publish Date - January 19, 2022 / 07:27 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:31 PM IST

रायपुरः hookah bar ban in Chhattisgarh राज्यपाल अनुसुईया उइके ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम 2003 में संशोधन हेतु प्रस्तुत विधेयक पर हस्ताक्षर किए हैं। अब इस विधेयक को राष्ट्रपति की अनुमति हेतु भेजा जाएगा।

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hookah bar ban in Chhattisgarh इस अधिनियम की धारा 3, 4,12, 13, 21 एवं 27 में संशोधन किया गया है। इसके अनुसार धारा 4 में संशोधन कर धारा 4क और 4ख जोड़ा गया है। धारा 4क. के अनुसार ‘‘हुक्का बार पर रोक- इस अधिनियम में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, कोई व्यक्ति, स्वयं या किसी अन्य व्यक्ति की ओर से कोई हुक्का बार नहीं खोलेगा या हुक्का बार नहीं चलाएगा या भोजनालय सहित किसी भी स्थान पर ग्राहकों को हुक्का नहीं देगा।’’ धारा 4ख. के अनुसार ‘‘हुक्का बार में हुक्के के माध्यम से धूम्रपान पर रोक- कोई भी व्यक्ति, किसी भी सामुदायिक हुक्का बार में हुक्का या नरगिल (गड़गड़ा) के माध्यम से धूम्रपान नहीं करेगा।’’

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धारा 13 में संशोधन कर नवीन धारा 13क. जोड़ा गया है। धारा 13क. के अनुसार ‘‘हुक्का बार के मामले में जब्त करने की शक्ति- यदि कोई पुलिस अधिकारी/आबकारी अधिकारी, जो राज्य सरकार द्वारा अधिकृत हो, और जो उप-निरीक्षक की श्रेणी से निम्न का न हो, के पास यह विश्वास करने का कारण है कि धारा 4क. के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है या उनका उल्लंघन किया जा रहा है, वह हुक्का बार के विषय या साधन के रूप में उपयोग की जाने वाली किसी भी सामग्री या वस्तु को जब्त कर सकेगा।’’

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मूल अधिनियम की धारा 21 में संशोधन करते हुए नवीन धारा 21क. एवं 21ख. जोड़ा गया है। धारा 21क. के अनुसार ‘‘हुक्का बार चलाने के लिए दण्ड- जो को धारा 4क के प्रावधानों का उल्लंघन करेगा, उन्हें  तीन वर्ष तक का जेल और पचास हजार रूपए तक जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही  21ख. के अनुसार ‘‘हुक्का बार में हुक्का के माध्यम से धूम्रपान के लिए दण्ड- जो कोई, धारा 4 ख के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, उसे ऐसे जुर्माने, जो कि पांच हजार रूपए तक का हो सकेगा, किन्तु जो एक हजार रूपए से कम नहीं होगा, से दंडित किया जाएगा।’’