‘ऑपरेशन राहुल’ : 103 घंटे बाद रेस्क्यू टीम को मिली राहुल की पहली झलक, टनल के अंदर भेजा गया दूसरा स्ट्रेचर

80 घंटे की कड़ी मशक्कत, चट्टानों की बाधा, फिर भी नहीं डिगा हौसलाः Janjgir Borewell Rescue: Rahul came out of borewell after 103 hours

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  • Publish Date - June 14, 2022 / 10:06 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:46 PM IST

जांजगीर चांपाः Janjgir Borewell Rescue छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल के लिए खोदे गए गड्ढे में फंसे राहुल को निकालने में जुटी रेस्क्यू टीम को बड़ी सफलता मिली है। 103 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम को राहुल की पहली झलक मिली है। कुछ ही देर में उन्हें बाहर लाया जाएगा। अब उन्हें यहां से सीधा अस्पताल ले जाया जाएगा। उनके लिए ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों को अलर्ट पर रखा गया है।

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10 जून को बोरवेल में गिरा था राहुल

Janjgir Borewell Rescue राहुल साहू (10) का शुक्रवार दोपहर 2 बजे के बाद से कुछ पता नहीं चला। जब घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए तो राहुल के रोने की आवाज आ रही थी। गड्‌ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है। बोरवेल का गड्‌ढा 80 फीट गहरा है। ये भी बताया गया है कि बच्चा मूक-बधिर है, मानसिक रूप से काफी कमजोर है। जिसके कारण वह स्कूल भी नहीं जाता था। घर पर ही रहता था। पूरे गांव के लोग भी 2 दिन से उसी जगह पर टिके हुए हैं, जहां पर बच्चा गिरा है। राहुल अपने मां-बाप का बड़ा बेटा है। उसका छोटा भाई 2 साल छोटा है। पिता की गांव में बर्तन की दुकान है।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया ट्वीट

इस पूरे अभियान पर पहले घंटे से नजर रख रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल के दिखते ही ट्विट किया है। उन्होंने कहा कि राहुल के रेस्क्यू ऑपरेशन के खत्म होने का समय आ गया है। जांजगीर से सूचना आ रही है कि चट्टानों को हटाने के बाद अब बचाव दल बोरवेल तक पहुंच गया है और राहुल नजर आने लगा है।

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112 किलोमीटर दूर है अपोलो अस्पताल

राहुल को बोरवेल से निकालते ही एंबुलेंस से बिलासपुर के अपोलो अस्पताल ले जाया जाएगा। उसके गांव से बिलासपुर की दूरी करीब 112 किलोमीटर है। वैसे तो इस दूरी को तय करने में करीब तीन घंटे लगते, लेकिन प्रशासन ने इस रास्ते को ग्रीन कॉरीडोर में बदल दिया है, लिहाजा माना जा रहा है कि राहुल को डेढ़-पौने दो घंटे के समय में अपोलो अस्पताल पहुंचा दिया जाएगा। उसका इलाज रास्ते में एंबुलेंस में ही विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम करने लगेगी।