Jhiram Ghati Naxal Attack Hindi: झीरम घाटी के पास पहुंचा ही था काफिला, अचानक चलने लगी दनादन गोलियां, चली गई थी कांग्रेस नेताओं के साथ कुल 32 लोगों की जान

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  • Publish Date - May 24, 2023 / 05:49 PM IST,
    Updated On - May 24, 2023 / 06:39 PM IST

Jhiram Ghati Naxal Attack Hindi साल 2013 में हुए झीरम घाटी हमले को अब एक दशक बीत गए हैं। झीरम घाटी में नक्सलियों ने 25 मई 2013 कायराना हमला किया था, इसमें नक्सलियों ने 32 लोगों की बर्बरता से हत्या कर दी थी. दरअसल, साल 2013 में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 25 मई के दिन कांग्रेस ने सुकमा में परिवर्तन रैली आयोजित की थी। रैली खत्म होने के बाद कांग्रेस नेताओं का काफिला सुकमा से जगदलपुर जा रहा था। काफिले में करीब 25 गाड़ियां थीं, जिनमें 200 नेता सवार थे। सबसे आगे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, उनके बेटे दिनेश पटेल और कवासी लखमा अपने-अपने सुरक्षा गार्ड्स के साथ थे। इनके पीछे महेन्द्र कर्मा और मलकीत सिंह गैदू की गाड़ी थी। इस गाड़ी के पीछे बस्तर के तत्कालीन कांग्रेस प्रभारी उदय मुदलियार कुछ अन्य नेताओं के साथ चल रहे थे। देखा जाए तो छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सभी टॉप नेता इस काफिले में शामिल थे।

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Jhiram Ghati Naxal Attack शाम करीब 4 बजे काफिला झीरम घाटी से गुजर रहा था। यहीं पर नक्सलियों ने पेड़ों को गिराकर रास्ता बंद कर दिया। गाड़ियां रुकीं और इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, पेड़ों के पीछे छिपे 200 से ज्यादा नक्सलियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। नक्सलियों ने सभी गाड़ियों को निशाना बनाया। नंदकुमार पटेल और उनके बेटे दिनेश की मौके पर ही मौत हो गई। करीब डेढ़ घंटे तक फायरिंग होती रही।

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एक-एक गाड़ियों को किया चेक

शाम के करीब साढ़े 5 बजे नक्सली पहाड़ों से उतर आए और एक-एक गाड़ी चेक करने लगे। जो लोग गोलीबारी में मारे जा चुके थे, उन्हें फिर से गोली और चाकू मारे गए, ताकि कोई भी जिंदा न बचे। जो लोग जिंदा थे, उन्हें बंधक बनाया जा रहा था। इसी बीच एक गाड़ी से महेन्द्र कर्मा नीचे उतरे और बोले, ‘मुझे बंधक बना लो, बाकियों को छोड़ दो।’ नक्सलियों ने महेंद्र कर्मा की थोड़ी दूर ले जाकर बेरहमी से हत्या कर दी। हमले में 30 से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई। इसमें अजीत जोगी को छोड़कर छत्तीसगढ़ कांग्रेस के उस वक्त के अधिकांश बड़े नेता और सुरक्षा बल के जवान शहीद हुए।

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मुख्य टारगेट में थे बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा

इस हमले का मुख्य टारगेट बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा थे। ‘सलवा जुडूम’ का नेतृत्व करने की वजह से नक्सली उन्हें अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानते थे। नक्सलियों ने उनके शरीर पर करीब 100 गोलियां दागीं और चाकू से 50 से ज्यादा वार किए। हत्या के बाद नक्सलियों ने उनके शव पर चढ़कर डांस भी किया था।