शह मात The Big Debate: राजनीति का ‘रावण’.. बयान पर नया रण! रेणुका के बयान से बीजेपी परेशान! सरकार में किसे रावण मानती हैं भरतपुर-सोनहत विधायक

राजनीति का 'रावण'.. बयान पर नया रण! MLA Renuka Singh believes that there is Ravana in the government

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  • Publish Date - October 3, 2025 / 11:47 PM IST,
    Updated On - October 4, 2025 / 12:02 AM IST

रायपुरः CG News आखिर सरकार में रावण कौन है ? ये सवाल बीजेपी की एक दमदार नेत्री, पूर्व सांसद, पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने उठाया है। वही रेणुका सिंह जिन्होंने कई बार अपने कुछ बयानों से खुद को और पार्टी को मुश्किल में डाला है, लेकिन इस बार उनके बयान से विपक्षी दल नहीं खुद उनकी पार्टी की सरकार सवालों के घेरे में नजर आई। बेबाकी से बात करने वाली आदिवासी विधायक रेणुका सिंह ने दशहरे पर रावण को लेकर जो कुछ कहा है उसे लेकर उनकी पार्टी की सरकार विपक्ष के निशाने आ गई है। हालांकि बीजेपी ने इसे खाली बैठे विपक्ष का बेवजह का शगल बताकर मुद्दे से पल्ला झाड़ने की कोशिश की है। रेणुका सिंह पक्ष-विपक्ष में इस पर जमकर बहस छिड़ गई है।

CG News सरगुजा पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और भरतपुर-सोनहत की मौजूदा विधायक रेणुका सिंह का मानना है कि रावण हर जगह हैं। सरकार में भी रावण हैं और समाज में भी रावण हैं। साथ ही वो मानती हैं कि रावण के अंत का संकल्प लेना होगा। दरअसल, रेणुका सिंह अपने विधानसभा क्षेत्र में रावण दहन का कार्यक्रम के मंच पर पहुंची, जहां उन्होंने मंच से कह दिया कि सरकार में भी रावण है औऱ समाज में भी रावण है। जाहिर है ‘सरकार और समाज में रावण हैं’ इस बयान पर बवाल मचना ही था। विपक्ष ने रेणुका सिंह के बयान को फौरन लपका, कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव ने कहा कि रेणुका बोल रही हैं तो सरकार में रावण जरुर है। उनके भीतर सच्चे आदिवासी की अंतरात्मा,जागी है। सफाई में बीजेपी ने कहा कि रेणुका सिंह ने कुछ भी गलत नहीं कहा। विपक्ष उनके बयान को सियासी हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है।

दशहरे पर सदियों से असत्य, अधर्म और बुराई के प्रतीक रावण के पुतले को जलाने की परंपरा निभाई जाती रही है। ये भी सच है कि देश के कुछ एक हिस्सों में रावण को ज्ञान, तप और ऐश्वर्य का प्रतीत मानकर उसकी पूजा भी होती है। दूसरी तरफ पूर्व केंद्रीय मंत्री के बयानों से बने विवाद ने पहले भी पार्टी की किरकिरी कराई है, लेकिन इस बार सवाल ये है कि रेणुका सिंह का अपनी ही पार्टी की सरकार में किसे रावण मानती हैं? सत्तापक्ष में भला कौन है जो ऐसे रावण का साथ दे रहा है, संरक्षक बना है ? क्या ये रेणुका सिंह की अपनी उपेक्षा को लेकर नाराजगी है, खीज है?

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