जशपुर जिले के शासकीय विद्यालयों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एमओयू किया गया

जशपुर जिले के शासकीय विद्यालयों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एमओयू किया गया

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  • Publish Date - December 29, 2025 / 07:42 PM IST,
    Updated On - December 29, 2025 / 07:42 PM IST

रायपुर, 29 दिसंबर (भाषा) छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के शासकीय विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक शिक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिला प्रशासन, साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) और एजुकेशनल कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड (ईडीसीआईएल) के मध्य एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मौजूदगी में रविवार को बगिया गांव में जशपुर जिले के शासकीय विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण एवं आधुनिक शिक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

उन्होंने बताया कि विद्यालयों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन जशपुर, एसईसीएल और ईडीसीआईएल के मध्य त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर जिला प्रशासन की ओर से कलेक्टर रोहित व्यास, एसईसीएल की ओर से महाप्रबंधक सी एम वर्मा तथा ईडीसीआईएल की ओर से परियोजना निदेशक विकास सहरावत ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने कहा, ”आधुनिक तकनीक के माध्यम से शिक्षा को रोचक एवं प्रभावी बनाना समय की आवश्यकता है, जिससे ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों को भी शहरों के समान बेहतर शैक्षणिक संसाधन उपलब्ध कराए जा सकें।”

उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे विद्यार्थियों में नवाचार, जिज्ञासा एवं तकनीकी दक्षता का विकास होगा, जो उनके उज्ज्वल भविष्य की मजबूत नींव बनेगा।

अधिकारियों ने बताया कि एमओयू के तहत जशपुर जिले के चयनित शासकीय विद्यालयों में चरणबद्ध रूप से संवादात्मक पैनल स्थापित किए जाएंगे और इन उपकरणों के माध्यम से शिक्षक डिजिटल कंटेंट, वीडियो, प्रेजेंटेशन एवं ई-लर्निंग संसाधनों का उपयोग कर कक्षाओं को अधिक रोचक, सरल और प्रभावी बना सकेंगे।

उन्होंने बताया कि इस परियोजना के लिए एसईसीएल द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी कोष (सीएसआर) से पांच करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जिसके अंतर्गत जिले के शासकीय विद्यालयों में 206 संवादात्मक पैनल लगाए जाएंगे।

भाषा संजीव नोमान

नोमान