पूर्ण शराबबंदी के सवाल पर लखमा ने नहीं मंत्री अकबर ने दिया जवाब, BJP ने जताई आपत्ति, कही ये बड़ी बात

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन आज सदन में पूर्ण शराबबंदी का मुद्दा गरमाया रहा। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने आबकारी मंत्री कवासी लखमा से पूछा कि शराबबंदी के लिए कौन कौन सी समिति बनाई है? 3 जुलाई 2021 तक इस समिति में कौन कौन है ? कब बैठक हुई? शराबबंदी के लिए क्या अनुशंसा की गई?

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  • Publish Date - July 27, 2021 / 01:25 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:57 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन आज सदन में पूर्ण शराबबंदी का मुद्दा गरमाया रहा। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने आबकारी मंत्री कवासी लखमा से पूछा कि शराबबंदी के लिए कौन कौन सी समिति बनाई है? 3 जुलाई 2021 तक इस समिति में कौन कौन है ? कब बैठक हुई? शराबबंदी के लिए क्या अनुशंसा की गई?

विपक्ष के सवाल का जवाब अध्यक्ष की व्यवस्था से मंत्री लखमा की जगह वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने जवाब दिया। बताया कि शराबबंदी के लिए तीन समितियां बनाई गई है। राजनीतिक समिति, प्रशासनिक समिति और सामाजिक संगठनों की समिति गठित की गई है। पूर्ण शराब बंदी लागू किए जाने के संबंध में अनुशंसा की जा रही। जिन राज्यों में शराबबंदी हुई है उन राज्यों में आए आर्थिक, सामाजिक एवं व्यावहारिक प्रभाव का अध्ययन किया जा रहा है। समग्र रूप से अध्ययन के बाद ही उनकी रिपोर्ट राज्य शासन को प्रस्तुत की जाएगी। समितियों की अनुशंसा अनुसार राज्य में पूर्ण शराब बंदी लागू किए जाने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। वन मंत्री अकबर द्वारा जवाब देने पर बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने आपत्ति जताई।

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नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सदन में कहा कि ढाई साल में सामाजिक समिति में शामिल लोगों का नाम ही नहीं आया है? इसमें कब तक नाम आ जाएंगे। साहू समाज के अध्यक्ष या प्रतिनिधि, इसी तरह अन्य समाज के प्रतिनिधि है। अकबर ने कहा कि सामाजिक संगठन के प्रतिनिधि पद में है इसलिए इसमें नाम नहीं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा- 21 समाज का नाम दिए, ढाई में उन समिति का बैठक नहीं बुला पाए। तो ऐसे समिति का कोई औचित्य नहीं है इन समितियों को भंग कर देना चाहिए। उन्होंने पूछा कि राजनीति समिति की बैठक में क्या अनुशंसा आई है? मंत्री के कोरोना का हवाला देकर बैठक नहीं बुलाने की बात कहने पर विपक्ष ने आपत्ति जताई।

आबकारी मंत्री को घेरा

कोरोना शुल्क के रूप वसूली राशि को दूसरे मदों में खर्च किए जाने का मामले में पूर्व मंत्री ने आबकारी मंत्री को घेरने की कोशिश की। विपक्ष ने कोरोना शुल्क की राशि से 36 करोड़ रुपए अंग्रेजी माध्यम स्कूल के लिए दिए जाने पर आपत्ति जाहिर की। वहीं आबकारी मंत्री कवासी लखमा की जगह वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना के शुल्क की राशि दूसरे मद खर्च नहीं की गई है। भाजपा सदस्यों ने किस नियम के तहत दूसरे मदों में कोरोना की राशि खर्च की गई ये नियम सदन में रखने को कहा। बृजमोहन ने कहा कि इस मामले FIR दर्ज किया जाना चाहिए । बीजेपी विधायकों का सदन से नारेबाजी करते हुए बहिर्गमन हो गया।

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शराब दुकानों का मुद्दा उठा

भाजपा विधायक रंजना साहू ने सदन में शराब दुकानों का मुद्दा उठाया। प्रदेश में संचालित देशी-विदेशी शराब दुकानों को लेकर सवाल किया। उन्होंने पूछा कि 31 दिसंबर 2018 में प्रदेश में कुल कितनी देशी-विदेशी दुकान संचालित थे? अभी 2021 तक कुल कितने नया शराब दुकान, बार खोले व बंद किए गए? आबकारी मंत्री ने लिखित जवाब में बताया कि 2018 में देसी शराब दुकान 374, विदेशी 324 और 114 बार संचालित थे। एक जनवरी 2019 से 2021 तक 12 प्रीमियम विदेशी शराब दुकान और 101 नए बार खोले गए। वहीं 3 मार्च 2021 तक देशी 37, विदेशी 14 और 75 बार बंद किये गए। 101 नए बार खोले जाने की परमिशन पर सवाल उठाया
मंत्री ने कहा-ये मांग के अनुसार है।

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