रायपुर: शहर के VIP रोड स्थित क्वींस क्लब पिछले 11 सालों से मनमानी और रसूख का नाम बना हुआ है। आम आदमी के लिए बना कानून यहां के संचालकों के सामने बौने साबित हो जाते हैं। ताजा मामला नगर निगम के राजस्व पर डाके का है। क्वींस क्लब संचालकों ने साल 2017 से नगर निगम को राजस्व जमा नहीं किया है। संपत्ति कर जमा कराने के लिए कई बार नोटिस भी भेजा गया, लेकिन संचालकों की मनमानी पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ा।
निगम अधिकारियों के मुताबिक क्लब से आने वाला राजस्व दो पार्ट में जमा होता आया है। क्लब के सामने वाले हिस्से का राजस्व हरबक्स सिंह बत्रा और पिछले वाले हिस्से का टैक्स गौरव सिंह बत्रा जमा कराते हैं। हरवंश सिंह ने साल 2018-19 से तो गौरव सिंह बत्रा ने 2017-18 से ही टैक्स जमा करना बंद कर दिया था। जब क्लब का सौदा किसी और के साथ कर दिया गया, उसके बाद साल 2019-20 के लिए गौरव सिंह बत्रा के हिस्से का टैक्स नए डायरेक्टर की तरफ से जमा करा दिया गया। कुल मिलाकर क्वींस क्लब संचालकों पर नगर निगम का 26 लाख 12 हजार का टैक्स बाकी है। अब अफसर कड़ी कार्रवाई की बात कह रहे हैं।
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पिछले साल 27 सितंबर को लॉकडाउन के दौरान पार्टी कराने और फिर गोलीकांड के बाद क्लब अब तक सील ही है। कई अनियमितताओं के खुलासे के बाद नए डायरेक्टर के साथ किया गया सौदा भी रद्द कर दिया गया है। लेकिन क्लब संचालकों की मनमानी अब भी कम नहीं हुई है। इस साल का वार्षिक शुल्क नहीं चुकाने के चलते हाउसिंग बोर्ड भी क्लब संचालकों को नोटिस भेज चुका है।