Purchase of more than seven crores done by the education department from DMF item in disputes
रायगढ़। जिले में शिक्षा विभाग के द्वारा डीएमएफ मद से की गई सात करोड़ से अधिक की खरीदी विवादों में है। भाजपा ने तत्कालीन विभागीय अधिकारियों पर अनाप शनाप खरीदी करने और डीएमएफ की राशि का बंदरबांट करने का आरोप लगाया है। रायगढ़ लोकसभा की सांसद गोमती साय ने शिक्षा विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर को इसकी शिकायत की है, जिसके बाद मामले में जांच भी शुरु हो गई है। हालांकि मामले को कांग्रेस निराधार बता रही है।
दरअसल रायगढ़ जिले में शिक्षा विभाग को डीएमएफ मद से 7 करोड़ से अधिक की राशि मिली थी। साल 2020 और साल 2021 में विभाग ने इस मद से बड़ी खरीदी की है। विभाग ने तेजस्विनी कोचिंग में तकरीबन 85 लाख, सामुदायिक शिक्षकों के वेतन के नाम पर तकरीबन 84 लाख, स्कूलों में सेनेटरी नैपकीन वेंडिंग मशीन के नाम पर 72 लाख, व्हाइट बोर्ड खरीदी पर तकरीबन 80.32 लाख खर्च किया है। इसी तरह 2021 में कोविड के दौरान स्कूलों में 1 करोड़ 49 लाख से अधिक की राशि खर्च की गई है। भाजपा इस राशि में गडबडी का आरोप लगा रही है। सांसद गोमती साय ने शिक्षा विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर से मामले की शिकायत करते हुए जांच की मांग की है।
भाजपा का कहना है कि अगर मामले की जांच की जाए तो जमकर गडबडियां उजागर होंगी। इधऱ मामले में विभागीय अधिकारी जहां जांच की बात कह रहे हैं तो वहीं कांग्रेस इन आरोपों को निराधार बता रही है। कांग्रेस का कहना है कि डीएमएफ मद की सारी राशि क्षेत्र के विकास कार्यों में खर्च की गई है। भाजपा बिना वजह के इसे मुद्दा बना रही है। अगर भाजपा को लगता है कि इसमें गड़बड़ियां हुईं हैं तो घर में बैठकर बयानबाजी करने की बजाए इसकी शिकायत कर जांच कराए। मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारी का कहना है कि ज्वाइंट डायरेक्टर कार्यालय से पिछले कार्यकाल में खर्च हुई राशि की जानकारी मांगी गई थी जिसे उपलब्ध कराई गई है। शासन स्तर पर मामले की जांच चल रही है।
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