Government’s initiative to improve the education system is failing: सारंगढ़/ बिलाईगढ़। छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए नित-नए पहल कर रही है और पानी की तरह पैसा बहा रही है, लेकिन कुछ शिक्षकों के कारण, सरकार के मंसूबों पर पानी फिर रहा है। ताजा मामला निकल कर सामने आया है, सारंगढ़ के ग्राम भकुर्रा के शासकीय प्रथामिका शाला और मिडिल से। जब आज हमारी टीम शिक्षा व्यवस्था की हकीकत जानने पहुंची तो, देखा कि दोनों स्कूलों में सिर्फ एक ही शिक्षक उपस्थित थे। प्राथमिक शाला के बच्चों ने बताया आज कोई शिक्षक नहीं आये हैं।
दरसल बच्चों ने आगे बताया कि शिक्षक आते भी है तो अपने अपने मोबाईल में व्यस्त रहते है या फिर स्कूल में सोते है और वे लोग खुद से पढ़ाई करते है। बच्चों ने ये भी बताया कि प्रथामिक शाला में पदस्थ शिक्षक नरेन्द्रचंद और शेवती स्कूल भी पूरे दिन नहीं आते हैं, वहीं जब इस मामले में मिडिल स्कूल के शिक्षक नरसिंह पटेल ने से पूछा गया तो उन्होंने ने बताया की आज वो स्कूल में अकेले हैं। मिडिल स्कूल से एक शिक्षक और प्रथामिक शाला स्कूल से एक शिक्षक शाला सुरक्षा प्रशिक्षण के लिए सारंगढ़ गए हुए है और एक शिक्षक अकाशमिक अवकाश पर है। जिसकी सूचना मुझे वाट्सअप के माध्यम से मिली है और समनव्याक अनिल साहू जी ने मुझे दोनों स्कूल को संभालने के लिए कहा है।
बच्चों का आरोप है कि वो बच्चो को पढ़ाते नहीं बल्की मोबाईल में व्यस्त रहते है या फिर अपने खुर्सी में सोते रहते है। जब उनसे बच्चों द्वारा की गई शिकायत के बारे में पूछा गया की आखिर प्राथमिक शाला के शिक्षक रोजाना स्कूल क्यों नहीं आते हैं, तो उन्होंने कहा कि मुझे इस संबंध में कुछ नही पता क्यों की वो लोग अतिरिक्त कमरा में क्लास लगाते हैं अब वहां वो लोग क्या करते है मुझे नहीं पता, वहीं इस मामले में जब ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एफ.एल सिदार से पूछा गया तो उन्होंने कहा की मामले में मोनेटरिंग और जाँच करवा कर कार्यवाही करूंगा। IBC24 से मेघनाथ भारती की रिपोर्ट
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