UN की 50वीं वर्षगांठ पर अजीत जोगी ने 200 देशों के सामने किया था भारत का प्रतिनिधित्य, जानिए पूर्व पीएम वाजपेयी और जोगी के कुछ अनकहे किस्से

UN की 50वीं वर्षगांठ पर अजीत जोगी ने 200 देशों के सामने किया था भारत का प्रतिनिधित्य, जानिए पूर्व पीएम वाजपेयी और जोगी के कुछ अनकहे किस्से

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  • Publish Date - May 29, 2020 / 01:47 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:08 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी का आज राजधानी रायपुर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। जोगी लंबे समय से बीमार थे और उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन की खबर मिलते ही सियासी गलियारों में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है। जोगी के निधन पर प्रदेश ही नहीं देश के कई हिस्सों से शोक संदेश आ रहे हैं। यू तो अजीत जोगी के कई किस्से हैं, लेकिन हम आपको आज वो किस्सा सुना रहे हैं जो बहुत ही कम लोग जानते हैं।

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दरसअल बात उस दौर की है जब भारत के तत्कालीक प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव थे। यूनाइटेड नेशन की 50वीं वर्षगांठ थी, तो भरत की ओर से अजीत जोगी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और शरद पवार को भारत की ओर से भेजा गया था। यहां जब भारत को प्रतिनिधित्य करने की बारी आई तो तत्कालीक प्रधानमंत्री नरसीम्हा राव ने अटल बिहारी वाजपेयी को फोन कर भारत का प्रतिनिधित्व करने की बात कही। लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी ने अजीत जोगी से कहा कि मुझे तो कई ऐसा मौका मिल चुका है, लेकिन मैं चाहता हूं कि इस बार भारत का प्रतिनिधित्य तूम करो। पहले तो विश्वास नहीं हुआ, लेकिन मैंने 200 देशों के सामने भारत का प्रतिनिधित्व किया।

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अटल बिहारी वाजेपीयी ने दी थी साहित्य में आने की सलाह
जब अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री थे और अटल बिहारी वाजपेयी भारत के प्रधानमंत्री थे। इस दौरान जब वे बिलासपुर दौरे पर आए थे। इस दौरान पूर्व पीएम वाजपेयी ने अजीत जोगी की कवीता को पढ़ा और उसकी जमकर तारीफ की। इसके बाद उन्होंने अजीत जोगी को नसीहत देते हुए कहा था कि कहां इस राजनीति के दलदल में फंसे हुए हो साहित्य में आ जाओ।

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