यहां पाया जाता है ‘भौंकने वाला हिरण’, बाघ दर्शन के लिए पूरी दुनिया के पर्यटकों को करता है आकर्षित | ‘Deer barking’ is found here Attracts tourists from all over the world to visit tiger

यहां पाया जाता है ‘भौंकने वाला हिरण’, बाघ दर्शन के लिए पूरी दुनिया के पर्यटकों को करता है आकर्षित

यहां पाया जाता है ‘भौंकने वाला हिरण’, बाघ दर्शन के लिए पूरी दुनिया के पर्यटकों को करता है आकर्षित

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:00 PM IST, Published Date : August 12, 2020/9:38 am IST

उमरिया। बांधवगढ़ में विभिन्न जीवों की बाहुल्यता इस बात का समर्थन करती है, कि यहां वन्य जीवों के लिए शानदार और समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र मौजूद है। छोटे तितलियों से लेकर खूंखार बाघों की चहलकदमी यहां होती है। बाघों के अनुकूल जीवन के लिए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व ने दुनिया भर में ख्याति अर्जित की है । बांधवगढ़ में बाघों की सामान्य तौर पर वृद्धि वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक सुखद आश्चर्य है।

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बांधवगढ़ में जैव-भौगोलिक वर्गीकरण के अनुसार, पार्क क्षेत्र 6 ए-डेक्कन प्रायद्वीप, केंद्रीय हाइलैंड्स में स्थित है। महत्वपूर्ण शिकार प्रजातियों में चीतल, सांभर, भौंकने वाले हिरण, नीलगाय, चिंकारा, जंगली सुअर, चौसिंगा, लंगूर और रीसस मकाक शामिल हैं।

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यहां स्वाभाविक रुप से मिलने वाला काकड़ हिरण बारहसिंगा की प्रजाति का छोटे कद का हिरण है जिसे इसकी विशेष तीखी आवाज के लिए जाना जाता है, यह कुत्ते के भौंकने जैसी आवाज निकालता है इसीलिए इसे ‘भौंकने वाला हिरण’ या ‘बार्किंग डिअर’ भी कहा जाता है। इसके सींग बहुत ही खूबसूरत होते है। इनकी जिह्वा इतनी लंबी होती है कि जिससे ये अपने पूरे चेहरे को चाट कर साफ कर लेते हैं। बारहसिंगा की तरह ही काकड़ हिरण के सींग भी कुछ समय अंतराल पर गिर जाते हैं किन्तु इनके पूरे सींग नहीं बल्कि उनका ऊपरी कुछ हिस्सा ही गिरता है।

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शाकाहारी जीवों पर निर्भर बाघ, तेंदुआ, जंगली कुत्ता, भेड़िया और सियार जैसे प्रमुख शिकारी जानवर यहां मौजूद हैं। छोटे शिकारी जीवों में शामिल लोमड़ी, जंगल बिल्ली, रेल, हथेली कीलक, और आम शिकारी जीव भी यहां देखने को मिल जाते हैं। उनके अलावा, अन्य स्तनधारी प्राणी भी यहां मौजूद हैं, भालू,साही, भारतीय पैंगोलिन, विभिन्न प्रकार के चमगादड़, कृन्तकों की कई अन्य प्रजातियां यहां देखने को मिलती हैं। पार्क में पक्षियों की 250 से अधिक प्रजातियां भी आसमान में स्वछंद वातावरण में अठखेलियां करती हैं।