हनी ट्रैप मामले को लेकर आबकारी आयुक्त ने सोशल मीडिया पर किया ये पोस्ट, कही ये बात…

हनी ट्रैप मामले को लेकर आबकारी आयुक्त ने सोशल मीडिया पर किया ये पोस्ट, कही ये बात...

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  • Publish Date - September 29, 2019 / 12:41 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:58 PM IST

भोपाल: हनी ट्रैप मामले को लेकर मध्यप्रदेश ​ही नहीं बल्कि कई पड़ोसी राज्यों की सियासत में हड़कंप मचा हुआ है। इसी बीच मुख्य आयकर आयुक्त आरके पालीवाल ने अपने फेसबुक एकाउंट पर मामले को लेकर एक पोस्ट किया है। आरके पालीवाल के इस पोस्ट पर उन्होंने मीडिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं। साथ ही मामले में हाईकोर्ट को संज्ञान लेने की अपील की है।

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आबकारी आयुक्त आरके पालीवाल ने कहा है कि ह दुर्भाग्य पूर्ण है कि इस मामले में जांच कर रही पुलिस के कुछ सूत्रों द्वारा अधकचरी जानकारी मीडिया के माध्यम से लीक हो रही है और मीडिया का एक बड़ा हिस्सा इसे चटखारे लेकर सीरियल की तरह टी आर पी बढ़ाने के हथकंडे की तरह इस्तेमाल कर रहा है। कोई इन महिलाओं के फोटो छाप रहे हैं और कुछ इनके बारे में अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं। यह सब भद्दी और सतही चीजें हैं।

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उन्होंने आगे लिखा है कि यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस मामले की तह तक जाने की कोशिश न मीडिया कर रहा है और न सोशल मीडिया पर सक्रिय लोग। सब इसमें नई नई सनसनी खोज कर फैला रहे हैं। इस मामले में समाज की नैतिकता तो कटघरे में खड़ी ही है लेकिन उससे भी जरूरी कुछ मुद्दे हैं जो और भी अहम हैं। मेरे विचार में इसमें निम्न आपराधिक मुद्दे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं..

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1. गिरफ्तार गैंग के मामले में एक तो ब्लैकमेलिंग का अपराध है और दूसरा इससे जो धन संपत्ति बटोरी है उस पर आयकर अदायगी का मामला बनता है।

2. जिन दूसरे लोगों यथा आई ए एस, आई पी एस और अन्य अधिकारी, मंत्री और सांसद एवं ठेकेदार आदि के नाम उछल रहे हैं उनके मामले में यह जांच जरूरी है कि उन्होंने इस गिरोह को सरकारी अनुदान और ठेके देकर जन धन का कितना नुकसान किया है और यदि इन्होंने अपनी काली कमाई इस पर खर्च की है तो यह भ्रष्टाचार और आयकर चोरी का मामला बनता है।

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जिस तरह इस मामले में बड़े नाम आ रहे हैं हाई कोर्ट द्वारा भी स्वयं संज्ञान लेकर इस मामले की सघन जांच केंद्र और प्रदेश सरकार की संयुक्त टीम से कराई जा सकती है या कोई कानूनी एन जी ओ ऐसा करने के लिए कोर्ट में पी आई एल भी कर सकती है। यदि ऐसा हुआ तो संदेह के तमाम बादल दूर हो सकते हैं। अपराधिक मामलों के जानकार वकील आदि भी इस मामले में अपना विचार रख सकते हैं।

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