मिजोरम में म्यांमाई शरणार्थियों का 58 प्रतिशत बायोमेट्रिक पंजीकरण पूरा: अधिकारी

मिजोरम में म्यांमाई शरणार्थियों का 58 प्रतिशत बायोमेट्रिक पंजीकरण पूरा: अधिकारी

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  • Publish Date - November 20, 2025 / 12:24 PM IST,
    Updated On - November 20, 2025 / 12:24 PM IST

आइजोल, 20 नवंबर (भाषा) मिजोरम ने राज्य के सभी 11 जिलों में रह रहे 31,000 से अधिक म्यांमाई शरणार्थियों का 58.15 प्रतिशत बायोमेट्रिक पंजीकरण पूरा कर लिया है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि बांग्लादेश के चिट्टगांव हिल ट्रैक्ट्स (सीएचटी) से आए शरणार्थियों के 10.84 प्रतिशत का बायोमेट्रिक और जीवनी संबंधी विवरण भी एकत्र किया गया है।

उन्होंने बताया कि बताया कि म्यांमा और बांग्लादेश के शरणार्थियों का पंजीकरण गृह मंत्रालय (एमएचए) के निर्देश के बाद जुलाई में शुरू हुआ और यह विदेशी पहचान पोर्टल एवं बायोमेट्रिक पंजीकरण प्रणाली के माध्यम से किया जा रहा है।

अधिकारी के अनुसार, वर्तमान में मिजोरम के विभिन्न हिस्सों में 31,214 म्यांमाई नागरिक रह रहे हैं, जिसमें पड़ोसी देश की सीमा वाला चम्फाई जिला सबसे अधिक संख्या का केंद्र है।

उन्होंने बताया कि म्यांमाई नागरिकों के अलावा, बांग्लादेश के चित्तगांव हिल ट्रैक्ट्स से आए 2,354 शरणार्थी मुख्य रूप से लोंगटलाई जिले में रह रहे हैं, जो म्यांमा और बांग्लादेश दोनों की सीमा साझा करता है, साथ ही इसके पड़ोसी लुंगले जिला और सेरछिप जिले के थेंजावल नगर में भी बसे हुए हैं।

अधिकारी के अनुसार, अब तक 2,354 बांग्लादेशी शरणार्थियों में से 200 से अधिक का बायोमेट्रिक और जीवनी संबंधी विवरण भी एकत्र किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि बायोमेट्रिक पंजीकरण कर रहे जिले के अधिकारियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें तकनीकी गड़बड़ियां और दूरदराज के गांवों में खराब या न के बराबर इंटरनेट कनेक्टिविटी शामिल हैं, जिससे प्रक्रिया काफी धीमी हो रही है।

भाषा सुमित रंजन

रंजन