Gujarat High Court Latest News: बर्खास्त पुलिसकर्मी नहीं होंगे बहाल.. हाईकोर्ट ने बरक़रार रखा आदेश, जानें किस मामले में हुई थी सेवा समाप्त

न्यायालय के अनुसार, जीआरपी कर्मियों का कर्तव्य था कि वे साबरमती एक्सप्रेस में तैनात रहते, क्योंकि यह ट्रेन उनकी तैनाती के मुताबिक़ थी। उन्होंने अपनी ड्यूटी से पीछे हटते हुए न केवल अनुशासनहीनता की, बल्कि एक संवेदनशील सुरक्षा स्थिति में लापरवाही भी दिखाई।

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  • Publish Date - May 3, 2025 / 07:33 AM IST,
    Updated On - May 3, 2025 / 08:39 AM IST

Godhra incident 2002 || Image- Live Law File

HIGHLIGHTS
  • गुजरात हाईकोर्ट ने गोधरा कांड में नौ GRP कर्मियों की बर्खास्तगी को सही ठहराया।
  • कोर्ट ने कहा, ड्यूटी निभाते तो गोधरा त्रासदी संभवतः रोकी जा सकती थी।
  • झूठी प्रविष्टियों और लापरवाही के चलते कर्मियों की बहाली याचिका खारिज की गई।

9 policemen dismissed from service for negligence in Godhra incident: गांधीनगर: गुजरात हाईकोर्ट ने 2002 के गोधरा कांड से जुड़े एक अहम् मामले में नौ सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) कर्मियों की सेवा समाप्ति को सही ठहराया है। कोर्ट ने कहा कि अगर ये पुलिसकर्मी अपनी निर्धारित ड्यूटी निभाते और साबरमती एक्सप्रेस में ही सवार होते, तो गोधरा स्टेशन पर हुए हादसे को रोका जा सकता था।

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न्यायमूर्ति वैभवी नानावटी ने 24 अप्रैल को अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता जीआरपी कर्मियों ने ड्यूटी से बचने के लिए रजिस्टर में झूठी प्रविष्टियां कीं और निर्धारित ट्रेन की बजाय शांति एक्सप्रेस से अहमदाबाद लौट गए। कोर्ट ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही और असावधानी दिखाई।

9 policemen dismissed from service for negligence in Godhra incident: इस मामले में न्यायालय ने कहा, “यदि याचिकाकर्ता शांति एक्सप्रेस के बजाय ड्यूटी के अनुसार साबरमती एक्सप्रेस में सवार होते, तो संभवतः गोधरा स्टेशन के पास ट्रेन में आग लगाए जाने की त्रासदी को टाला जा सकता था।”

गोधरा कांड: क्या हुआ था 27 फरवरी 2002 को?

यह मामला 27 फरवरी 2002 की सुबह का है, जब गोधरा स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगा दी गई थी। इस हादसे में कम से कम 59 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में अधिकांश कारसेवक थे, जो उत्तर प्रदेश के अयोध्या से लौट रहे थे।

9 policemen dismissed from service for negligence in Godhra incident: गोधरा कांड के बाद गुजरात में व्यापक दंगे भड़क उठे, जिनमें सैकड़ों लोग मारे गए और हजारों विस्थापित हुए। यह घटना आज भी भारत के सामाजिक और राजनीतिक इतिहास में एक गंभीर मोड़ के रूप में देखी जाती है।

क्या कहा कोर्ट ने?

न्यायालय के अनुसार, जीआरपी कर्मियों का कर्तव्य था कि वे साबरमती एक्सप्रेस में तैनात रहते, क्योंकि यह ट्रेन उनकी तैनाती के मुताबिक़ थी। उन्होंने अपनी ड्यूटी से पीछे हटते हुए न केवल अनुशासनहीनता की, बल्कि एक संवेदनशील सुरक्षा स्थिति में लापरवाही भी दिखाई। कोर्ट ने इन कर्मियों की बहाली की याचिका को खारिज करते हुए सेवा समाप्ति को उचित और कानूनी करार दिया।

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9 policemen dismissed from service for negligence in Godhra incident: गौरतलब है कि, यह फैसला उस समय आया है जब देश में पुलिस जवाबदेही और सुरक्षा एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर बार-बार सवाल उठते रहे हैं।

प्रश्न 1: गुजरात हाईकोर्ट ने 2002 गोधरा कांड से जुड़े किस मामले में फैसला सुनाया है?

उत्तर: हाईकोर्ट ने साबरमती एक्सप्रेस में ड्यूटी नहीं निभाने वाले 9 जीआरपी कर्मियों की सेवा समाप्ति को वैध ठहराया है।

प्रश्न 2: कोर्ट ने इन जीआरपी कर्मियों के खिलाफ क्या टिप्पणी की?

उत्तर: कोर्ट ने कहा कि यदि ये कर्मी साबरमती एक्सप्रेस में ड्यूटी पर होते, तो शायद हादसा रोका जा सकता था। उन्होंने कर्तव्य से बचने के लिए झूठी एंट्री की और शांति एक्सप्रेस से लौट गए।

प्रश्न 3: गोधरा कांड क्या था और क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर: 27 फरवरी 2002 को गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगने से 59 लोगों की मौत हुई थी, जिसके बाद गुजरात में भीषण दंगे भड़के थे। यह घटना भारत के सामाजिक-सांप्रदायिक इतिहास में अहम मानी जाती है।