NLFB militants surrender news : एनएलएफबी के सभी उग्रवादी आत्मसमर्पण करेंगे

NLFB militants surrender news : एनएलएफबी के सभी उग्रवादी आत्मसमर्पण करेंगे

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  • Publish Date - July 22, 2021 / 09:09 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:10 PM IST

NLFB militants surrender news

गुवाहाटी, 22 जुलाई (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि नव गठित उग्रवादी संगठन नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनएलएफबी) के सभी सदस्य बृहस्पतिवार को आत्मसमर्पण करेंगे।

राज्य के शीर्ष राजनीतिक स्तर पर यह फैसला लिया गया और उग्रवादी संगठन के प्रमुख एम बाथा समेत करीब 20 उग्रवादी उदलगुड़ी जिले में लालपानी में आत्मसमर्पण करेंगे।

जनवरी 2020 में तीसरे बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद एम. बाथा के नेतृत्व में एनडीएफबी के कुछ असंतुष्ट सदस्यों ने यह संगठन बनाया था। यह ज्यादातर बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) में सक्रिय था।

लालपानी में बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद (बीटीसी) के प्रमुख प्रमोद बोरो आत्मसमर्पण करने वाले एनएलएफबी उग्रवादियों को, उदलगुड़ी के माजबात में सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद गुवाहाटी लाएंगे।

सरमा ने ट्वीट किया, ‘‘एनएलएफबी के आज मुख्यधारा में लौटने के फैसले से यह पता चलता है कि लोगों का सरकार की नीतियों में भरोसा है। मैं उनकी घर वापसी का स्वागत करता हूं।’’ उन्होंने कहा कि असम सरकार बीटीआर के संपूर्ण विकास के लिए प्रतिबद्ध है और वह बोडो लोगों की विशिष्ट सामाजिक-सांस्कृतिक तथा राजनीतिक पहचान की रक्षा करेगी।

उग्रवादियों के जंगल में संकरे रास्ते से गुजरने का वीडियो फुटेज साझा करते हुए सरमा ने ट्वीट किया, ‘‘एनएलएफबी के शीर्ष कैडरों की मुख्यधारा में वापसी के साथ बीटीआर में और शांति स्थापित हुई। शांतिपूर्ण असम की ओर एक बड़ा कदम।’’

पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पूरा संगठन आत्मसमर्पण करेगा। असम पुलिस के सूत्र ने बताया कि कुछ महीनों पहले इस संगठन के बनने के बाद से पुलिस मुठभेड़ में एक सदस्य मारा गया और 27 अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘यह शांति समझौता राजनीतिक स्तर की एक पहल है जो मुख्यत: मुख्यमंत्री ने की है। हमें यह सूचना मिली कि एम बाथा आत्मसमर्पण करेगा।’’

इस बीच, बीटीसी प्रमुख प्रमोद बोरो ने कहा कि एनएलएफबी उग्रवादियों के आत्मसमर्पण के बाद बीटीआर सभी उग्रवादी गतिविधियों से मुक्त हो जाएगा। बोरो ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘तीसरे बोडो शांति समझौते के बाद हमारा क्षेत्र उग्रवाद मुक्त बन गया। लेकिन कुछ गलतफहमियों के कारण बाथा और कुछ अन्य लोग जंगल की ओर लौट गए। यह असम सरकार और बीटीसी प्रशासन के संयुक्त प्रयास का नतीजा है।’’

यह पूछने पर कि कितने उग्रवादी हथियार छोडेंगे, इस पर बीटीसी प्रमुख ने कहा, ‘‘हमें सूचना मिली है कि एनएलएफबी के करीब 20 सदस्य हैं और सभी आत्मसमर्पण करेंगे। मैं उन्हें असम पुलिस की सुरक्षित हिरासत में रखने के लिए गुवाहाटी लेकर जाऊंगा।’’

भाषा

गोला मनीषा

मनीषा