Samajwadi Party leader Swami Prasad Maurya gave a controversial statement
Apart from Ramcharimanas, Maurya has also made strong comments on Dhirendra Shastri of Bageshwar Dham.
बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफ़ेसर चंद्रशेखर के रामचरितमानस और तुलसीदास पर दिए विवादित बयान के बाद भाजपा के पूर्व नेता और उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस और तुलसीदास को लेकर विवादित बयान दिया हैं। स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा हैं की रामचरितमानस में लिखी बातें बकवास। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने सरकार से मांग किया हैं की रामचरितमानस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। मौर्य के इस बयान के बाद प्रदेश में फिर से एक बार सियासी पारा चढ़ने के आसार हैं। हालांकि अभी तक किसी भी दल या नेता ने अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी हैं।
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“रामचरितमानस पर लाए प्रतिबन्ध”
सपा के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है की वह किसी धर्म के खिलाफ नहीं हैं। वह सभी धर्मो का सम्मान करते हैं लेकिन धर्म के नाम पर जाति विशेष से घृणा करने वालो के खिलाफ वह आवाज बुलंद करते रहेंगे। वे ऐसे धर्म के खिलाफ हैं जो समाज को ऊंच-नीच में बांटता हों। मौर्य ने कहा की रामचरितमानस एक बकवास किताब हैं। इस पर बैन लगना चाहिए। इसे करोड़ो लोग नहीं पढ़ते। इसे तुलसीदास ने अपनी ख़ुशी के लिए लिखा था। इस किताब में जो आपत्तिजनक अंश हैं उनपर सरकार को तत्काल बैन लगाना चाहिए।
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मौर्य ने कहा की रामचरितमानस में कई ऐसे अंश हैं जो जाति व्यवस्था को मजबूत हैं और शूद्रों को निम्न होने का सर्टिफिकेट देते हैं। बकौल मौर्य किसी भी धर्म को ऐसा करने का अधिकार नहीं हैं। किसी भी धर्म को गाली देने का अधिकार नहीं हैं। मौर्य ने आगे कहा की धर्म में एक ब्राह्मण कितना भी लम्पट और बदमाश हो उसे पूजनीय बताया गया हैं लेकिन इसके उल्ट अगर दलित पड़ा लिखा हैं, ग्यानी हैं, विद्वान हैं उसे कहा जाता हैं की उसका सम्मान मत करिये। क्या यही धर्म हैं?
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