आंध्र प्रदेश ने अमरावती भूमि सौदों पर उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपनी याचिका वापस ली

आंध्र प्रदेश ने अमरावती भूमि सौदों पर उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपनी याचिका वापस ली

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  • Publish Date - July 22, 2021 / 08:14 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:55 PM IST

नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) आंध्र प्रदेश सरकार ने अमरावती भूमि सौदों से संबंधित उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती देने वाली अपनी याचिका बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय से वापस ले ली। उच्च न्यायालय ने पिछली तेलगुदेशम पार्टी के शासनकाल के दौरान अमरावती में भूमि सौदों में कथित अनियमितताओं की ‘एसआईटी’ जांच पर रोक लगा दी थी।

राज्य सरकार ने न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ से कहा कि वह उच्च न्यायालय से संपर्क करेगी।

राज्य सरकार ने पांच मार्च को उच्चतम न्यायालय को बताया था कि वह राज्य की राजधानी अमरावती स्थानांतरित करने के दौरान भूमि लेनदेन में कथित अनियमितताओं की जांच अदालत की निगरानी में सीबीआई से कराने के लिए सहमत है।

सरकार ने शीर्ष अदालत से कथित घोटाले की विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच पर उच्च न्यायालय द्वारा लगायी गयी रोक को हटाने और मामले में आगे की जांच के लिए अनुमति देने का आग्रह किया।

वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार ने पूर्ववर्ती चंद्रबाबू नायडू सरकार के कार्यकाल में अमरावती राजधानी क्षेत्र में विभिन्न कथित अनियमितताओं, खासकर भूमि सौदों, की व्यापक जांच के लिए पुलिस उपमहानिरीक्षक रैंक के एक आईपीएस अधिकारी की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था।

शीर्ष अदालत उच्च न्यायालय के पिछले साल 15 सितंबर के आदेश के खिलाफ आंध्र प्रदेश सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी। यह याचिका अधिवक्ता महफूज अहसान नाजकी के जरिए दायर की थी।

न्यायालय ने पिछले साल 25 नवंबर को राज्य की राजधानी को अमरावती स्थानांतरित किए जाने के दौरान भूमि लेनदेन में कथित अनियमितताओं को लेकर दर्ज प्राथमिकी के संबंध में मीडिया को खबरें प्रकाशित करने से रोकने वाले उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी। हालांकि उसने मामले में प्राथमिकी की जांच पर रोक सहित उच्च न्यायालय के अन्य निर्देशों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

भाषा अविनाश अनूप

अनूप