Anganwadi Worker Salary Hike News Today: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका के वेतन में ताबड़तोड़ बढ़ोतरी, हर महीने मिलेंगे 25000 रुपए, इस दिन से आएगा खाते में

Anganwadi Worker Salary Hike News Today: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका के वेतन में ताबड़तोड़ बढ़ोतरी, हर महीने मिलेंगे 25000 रुपए, इस दिन से आएगा खाते में

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  • Publish Date - August 26, 2025 / 03:17 PM IST,
    Updated On - August 26, 2025 / 03:17 PM IST

Anganwadi Worker Salary Hike News Today: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका के वेतन में ताबड़तोड़ बढ़ोतरी / Image Source: IBC24 Customized

HIGHLIGHTS
  • आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का न्यूनतम मासिक वेतन ₹24,800
  • आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का न्यूनतम मासिक वेतन ₹20,300
  • अदालत ने कहा सम्मान और गरिमा का अधिकार

अहमदाबाद: Anganwadi Worker Salary Hike News Today गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (एडब्ल्यूडब्ल्यू) और सहायिकाओं (एडब्ल्यूएच) को दिए जाने वाले न्यूनतम मासिक वेतन को क्रमशः 10,000 और 5,500 रुपये से बढ़ाकर 24,800 और 20,300 रुपये कर दिया है। न्यायमूर्ति एएस सुपेहिया और न्यायमूर्ति आरटी वचाहानी की खंडपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को न्यूनतम मासिक वेतन का भुगतान करने का निर्देश दिया।

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Anganwadi Worker Salary Hike News Today न्यायालय ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 24,800 रुपये और आंगनवाड़ी सहायिकाओं को 20,300 रुपये के नए वेतन के बकाए का भुगतान एक अप्रैल, 2025 से किया जाएगा। आंगनवाड़ी केंद्र का एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के नेटवर्क के माध्यम से 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को प्रारंभिक देखभाल प्रदान करना है।

न्यायाधीशों ने एकल न्यायाधीश की पीठ के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें इस मामले से संबंधित रिट याचिका दायर करने से पहले के तीन वर्षों के लिए पूर्वव्यापी प्रभाव से वेतन देने का आदेश दिया गया था। खंडपीठ ने कहा कि अगर इसे लागू किया जाता है तो इससे राज्य पर वित्तीय बोझ काफी बढ़ जाएगा। बुधवार को अपने आदेश में, उच्च न्यायालय ने कहा कि कर्तव्यों की प्रकृति और नियुक्ति के तरीके को देखते हुए, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं ‘न्यूनतम’ और ‘उचित वेतन’ पाने की हकदार हैं ताकि वे अपने परिवारों की सभी भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें।”

अदालत ने कहा, “आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए क्रमशः 10,000 रुपये और 5,500 रुपये की मामूली राशि से खर्च चलाना मुश्किल होता है। विडंबना यह है कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं, नाबालिगों के स्वास्थ्य और शिक्षा की ज़रूरतों को पूरा करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं, उचित पारिश्रमिक के अभाव में सम्मान व गरिमा के साथ जीवन जीने से वंचित हैं।” साल 2024 में साझा किए गए सरकारी आंकड़ों के अनुसार, गुजरात में सामूहिक रूप से लगभग एक लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं थीं।

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आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने कई याचिकाओं के माध्यम से अपनी सेवाओं को नियमित करने की मांग करते हुए अदालत से यह घोषित करने का आग्रह किया था कि उन्हें दिया जाने वाला मानदेय संविधान के अनुच्छेद 14, 16, 21 और 23 का उल्लंघन है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को गुजरात सरकार के अन्य विभागों के अंशकालिक कर्मचारियों के समान न्यूनतम वेतन देने का निर्देश देने की भी मांग की गई थी।

गुजरात हाई कोर्ट ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का वेतन कितना बढ़ाया है?

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का वेतन ₹10,000 से बढ़ाकर ₹24,800 और सहायिकाओं का ₹5,500 से बढ़ाकर ₹20,300 कर दिया गया है।

यह नया वेतन कब से लागू होगा?

यह वेतन वृद्धि 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगी।

क्या आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी सेवाएँ नियमित करने की भी माँग की थी?

हाँ, उन्होंने अपनी सेवाओं को नियमित करने की माँग करते हुए यह भी कहा था कि उन्हें दिया जाने वाला मानदेय संविधान के अनुच्छेद 14, 16, 21 और 23 का उल्लंघन है।

गुजरात में कुल कितनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएँ और सहायिकाएँ हैं?

2024 के सरकारी आँकड़ों के अनुसार, गुजरात में सामूहिक रूप से लगभग एक लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएँ और सहायिकाएँ थीं।

हाई कोर्ट ने क्या कहकर वेतन वृद्धि को सही ठहराया?

अदालत ने कहा कि कर्तव्यों की प्रकृति को देखते हुए, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएँ अपने परिवारों की जरूरतों को पूरा करने के लिए 'न्यूनतम' और 'उचित वेतन' पाने की हकदार हैं।