चेन्नई: छात्रों ने किफायती, स्वदेशी सेटेलाइट इंटरनेट के लिए नासा पुरस्कार जीता

चेन्नई: छात्रों ने किफायती, स्वदेशी सेटेलाइट इंटरनेट के लिए नासा पुरस्कार जीता

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  • Publish Date - December 24, 2025 / 06:17 PM IST,
    Updated On - December 24, 2025 / 06:17 PM IST

चेन्नई, 24 दिसंबर (भाषा) चेन्नई के इंजीनियरिंग छात्रों की एक टीम ने नासा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्षण ऐप्स चुनौती 2025 में ‘सबसे प्रेरणादायक’ पुरस्कार जीतने के लिए दुनिया भर के 18,000 से अधिक प्रोजेक्ट को पीछे छोड़ दिया।

उनकी परियोजना, ‘फोटोनिक्स ऑडिसी’ या आकाशनेट, का उद्देश्य देश के दूरस्थ गांवों में उच्च गति और कम लागत वाला इंटरनेट पहुंचाकर भारत में डिजिटल विभाजन को पाटना है।

एसआरएम ईश्वरी इंजीनियरिंग कॉलेज के इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग के द्वितीय वर्ष के छात्र प्रशांत गोपालकृष्णन ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘आकाशनेट ने वैचारिक रूप से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा लंबे समय से प्रदर्शित कार्यप्रणाली को अपनाया है।’

दुनिया के सबसे बड़े वार्षिक वैश्विक हैकथॉन में से एक, नासा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्षण ऐप्स चुनौती में टीम की प्रस्तुति ने 11,551 परियोजनाओं में से शीर्ष 10 में जगह बनाई और ‘सबसे प्रेरणादायक’ पुरस्कार जीता।

वर्ष 2012 में शुरू की गयी इस चुनौती का उद्देश्य नासा के उपग्रहों, दूरबीनों और मिशनों से प्राप्त मुफ्त डेटा का उपयोग करके नवाचार को बढ़ावा देना और पृथ्वी और अंतरिक्ष के लिए समाधान पेश करना है।

टीम के प्रस्ताव को नासा की मंजूरी मिलने के बाद, गोपालकृष्णन ने कहा कि उनको विश्वास है कि इसे एक सार्वजनिक डिजिटल उपयोगिता के रूप में विकसित करने के लिए ‘संस्थागत समर्थन’ मिलेगा।

गोपालकृष्णन ने कहा, “अधिकांश वैश्विक सैटेलाइट इंटरनेट सिस्टम पूरी तरह से व्यावसायिक मॉडल पर आधारित हैं। इनका हार्डवेयर विदेशों में आयातित सामग्री और प्रौद्योगिकी का उपयोग करके निर्मित किया जाता है, जब इन सिस्टमों को भारत में लाया जाता है, तो अंतिम लागत आबादी के बड़े हिस्से के लिए अक्सर बहुत अधिक हो जाती है।”

भाषा तान्या माधव

माधव