विद्युत न्यायाधिकरण में अध्यक्ष का पद नहीं भरने से न्यायालय नाखुश

विद्युत न्यायाधिकरण में अध्यक्ष का पद नहीं भरने से न्यायालय नाखुश

  •  
  • Publish Date - July 19, 2022 / 10:32 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:20 PM IST

नयी दिल्ली, 19 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बिजली अपीलीय न्यायाधिकरण में अध्यक्ष का पद नहीं भरे जाने को लेकर मंगलवार को नाराजगी जतायी और केंद्र सरकार से कहा कि वह नियुक्ति में देरी के कारणों के बारे में उसे अवगत कराये।

प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा, ”न्यायाधिकरण अध्यक्ष के बिना आदेश कैसे पारित कर सकते हैं।”

पीठ ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के. एम. नटराज ने विद्युत बोर्ड से संबंधित एक याचिका को त्वरित सूचीबद्ध करने का आग्रह किया।

एएसजी ने कहा कि याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए क्योंकि ”राज्य पर भारी वित्तीय दायित्व है”।

न्यायमूर्ति रमण ने कहा, ”ठीक, क्योंकि न्यायाधिकरण वहां नहीं है। अध्यक्ष के बिना न्यायाधिकरण आदेश कैसे पारित कर सकते हैं? आप भारत सरकार से निर्देश लें कि वे अध्यक्ष पद की रिक्ति कब भर रहे हैं। मैं इसे परसों सूचीबद्ध कर दूंगा।”

पीठ ने विधि अधिकारी से यह निर्देश प्राप्त करने को कहा कि वे (भारत सरकार) इतने महीनों से फाइल लंबित क्यों रखे हुए हैं।

न्यायमूर्ति मंजुला चेल्लूर ने 12 अगस्त, 2021 को विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण (एपीटीईएल) का अध्यक्ष पद छोड़ दिया था।

शीर्ष अदालत विभिन्न न्यायाधिकरणों में रिक्त पदों को न भरने को लेकर (केंद्र की) आलोचना करती रही है।

भाषा सुरेश पवनेश

पवनेश