दिल्ली की अदालत ने पीएफआई के तीन सदस्यों को जमानत देने से इनकार किया

दिल्ली की अदालत ने पीएफआई के तीन सदस्यों को जमानत देने से इनकार किया

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  • Publish Date - January 10, 2023 / 07:45 PM IST,
    Updated On - January 10, 2023 / 07:45 PM IST

नयी दिल्ली, 10 जनवरी (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने कथित आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े धनशोधन के एक मामले में आरोपी प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के तीन सदस्यों को मंगलवार को जमानत देने से मना कर दिया।

विशेष न्यायाधीश शैलेंद्र मलिक ने मोहम्मद इलियास, अब्दुल मुकीत और मोहम्मद परवेज अहमद की वैधानिक जमानत की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें दावा किया गया कि जांच एजेंसी ने देरी करने के तरीके अपनाये हैं और कानूनी रूप से स्वीकार्य समय के अंदर आरोप पत्र दायर नहीं किया है।

आरोपियों को 22 सितंबर, 2022 को गिरफ्तार किया गया था और वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने 19 नवंबर, 2022 को उनके खिलाफ शिकायत दाखिल की थी।

न्यायाधीश ने उन्हें जमानत देने से मना करते हुए कहा, ‘‘जाहिर है, आरोपियों की गिरफ्तारी के 60 दिन के भीतर (अभियोजन) शिकायत (आरोप पत्र के समतुल्य) दायर की गई थी।’’

उन्होंने कहा कि ईडी ने शिकायत में नामजद कुछ गवाहों की पहचान छुपाने की प्रार्थना के साथ एक आवेदन दिया था और इस वजह से आरोपियों को शिकायत की प्रति और संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जा सके।

अभियुक्तों के वकील ने अदालत से कहा कि चूंकि आरोपियों को 60 दिन की बाहरी सीमा अवधि के भीतर कोई अभियोजन शिकायत या संबंधित दस्तावेज प्रदान नहीं किए गए थे, इसलिए कानून के अनुसार शिकायत समय-सीमा के भीतर दाखिल नहीं की गई थी और आरोपियों को जमानत पर रिहाई का ‘‘अपरिहार्य अधिकार’’ है।

ईडी के विशेष सरकारी अभियोजक एन के माट्टा ने जमानत आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि आरोप पत्र समय पर दायर किया गया था और आरोपियों को जमानत पर रिहाई का कोई हक नहीं है।

मामला कई साल तक 120 करोड़ रुपये से ज्यादा काले धन को गलत तरह से सफेद करने से जुड़ा है।

केंद्र सरकार ने आतंकवादी गतिविधियों से कथित संबंध के मामले में पिछले साल सितंबर में पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया था।

भाषा वैभव दिलीप

दिलीप