शिमला, 24 दिसंबर (भाषा) इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में एक वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर और एक मरीज के बीच हुई हाथापाई के दो दिन बाद ‘शिमला एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर्स’ (एसएएमडीसीओटी) ने बुधवार को आम लोगों से पुष्टि किए बिना कोई भी जानकारी प्रसारित करने से बचने का आग्रह किया।
संगठन ने पारदर्शी कानूनी जांच करने और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा का सम्मान करने की मांग की।
हिमाचल प्रदेश में चिकित्सा संकाय के सबसे बड़े प्रतिनिधि निकाय, एसएएमडीसीओटी ने एक बयान जारी कर हिंसा पर गहरी चिंता जतायी। निकाय ने चेतावनी दी कि अगर भीड़ को उकसाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की गई, तो राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।
एसएएमडीसीओटी के अध्यक्ष डॉ. बलबीर एस. वर्मा और महासचिव डॉ. पीयूष कपिला समेत पदाधिकारियों ने जनता से पूरे घटनाक्रम पर विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पल्मोनरी वार्ड तीन घंटे से अधिक समय तक घिरा रहा, जिससे चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हुईं।
संगठन ने कहा, ‘‘फिलहाल, केवल छोटे-छोटे और काट-छांट वाले वीडियो (क्लिप) ही प्रसारित हो रहे हैं, जिनमें प्रतिक्रियाओं के कुछ ही अंश दिखाए गए हैं। हालांकि, पूरा फुटेज स्पष्ट रूप से चिकित्सकों के प्रति लंबे समय तक चले उकसावे, धमकियों और डराने-धमकाने को दर्शाता है। कुछ सेकंड के फुटेज को संदर्भ से अलग करके सच्चाई का आकलन नहीं किया जा सकता।’’
संगठन ने आरोप लगाया कि ‘ऑडियो रिकॉर्डिंग’ से पता चलता है कि कुछ लोग चिकित्सकों को धमकाने के लिए दबाव बनाने के मकसद से दूसरों को फोन कर रहे थे। उन्होंने दावा किया कि विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले कुछ व्यक्तियों के राजनीतिक मकसद प्रतीत होते हैं।
बयान में कहा गया, ‘‘अगर भीड़ को उकसाने और संबोधित करने वाले नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की गई, तो राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।’’
आईजीएमसी के पल्मोनरी वार्ड में सोमवार को यह घटना हुई।
घटना से जुड़े प्रसारित वीडियो में डॉ. राघव नरूला (31) को मरीज अर्जुन सिंह (34) के चेहरे पर मुक्का जड़ते देखा जा सकता हैं, जबकि सिंह को भी डॉ. राघव को लात मारने की कोशिश करते देखा गया। प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद, अधिकारियों ने सोमवार शाम डॉ. नरूला को निलंबित कर दिया।
शिमला जिले के कुपवी निवासी मरीज ब्रॉन्कोस्कोपी कराने के लिए अस्पताल आया था।
सिंह ने आरोप लगाया कि विवाद तब शुरू हुआ जब डॉ. राघव ने उसे ‘तुम’ के बजाय ‘तू’ कहकर संबोधित किया तो उसने इसपर आपत्ति जताई। इससे चिकित्सक भड़क गए।
इस घटना के बाद सोमवार को अस्पताल में विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसमें परिजनों और अन्य मरीजों ने चिकित्सकों की गिरफ्तारी की मांग की।
स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल ने आईजीएमसी जैसे प्रमुख संस्थान के लिए इस घटना को ‘दुर्भाग्यपूर्ण और अकल्पनीय’ बताया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
भाषा यासिर माधव
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