जेंडर की वजह से टूटा पायलट बनने का सपना, अब कर रहे फूड डिलेवर

Transgender pilot broken dream story: जेंडर की वजह से एडम हैरी की पायलट बनने का सपना टूटा, अब कर रहे फूड डिलेवर

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  • Publish Date - July 6, 2022 / 01:18 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:56 PM IST

Transgender pilot broke dream story

Transgender pilot broken dream story: नई दिल्ली। भारत सरकार और कई राज्यों ने पिछले कुछ सालों में ट्रांसजेंडर्स के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं, लेकिन इन दिनों एक ट्रांसजेंडर एडम हैरी की दुख भरी कहानी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। वो बचपन से पायलट बनना चाहते थे, उन्होंने इसके लिए काफी मेहनत भी की, लेकिन सिर्फ ट्रांस जेंडर होने की वजह से उनका सारा सपना टूट गया।

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केरल सरकार ने की थी मदद

Transgender pilot broken dream story: हैरी ने पायलट बनने के लिए प्राइवेट पायलट लाइसेंस की परीक्षा दी थी। इसके बाद उन्हें 2017 में जोहानसबर्ग में प्राइवेट पायलट का लाइसेंस भी मिला। जिसके बाद उन्होंने अपनी बात केरल सरकार तक पहुंचाई, तो उन्हें राज्य की ओर से 22 लाख रुपये की स्कॉलरशिप भी मिली। इसके बाद हैरी को ऐसा लगा कि उसका पायलट बनने का सपना करीब-करीब सच हो ही गया। लेकिन वे मेडिकल एक्जाम में अनफिट होकर फेल हो गए।

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फॉर्म में चुना महिला का ऑप्शन

Transgender pilot broken dream story: गौरतलब है कि हैरी जन्म के समय लड़की पैदा हुए थे, लेकिन बाद में उन्होंने अपना जेंडर चेंज कराकर पुरूष बन गए। हैरी अपना सपना लेकर जोहानसबर्ग के बाद एशियन एकेडमी ज्वाइन किया और क्लास 2 के लिए मेडिकल एग्जाम दिया। इस दौरान जब उन्होंने फॉर्म भरा था, तो उन्होंने जेंडर में महिला का ऑप्शन चुना, जबकि एग्जाम के वक्त उन्होंने खुद को ट्रांसजेंडर बताया।

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DGCA ने बताया अनफिट

Transgender pilot broken dream story: बता दें कि, DGCA ने अभी तक ट्रांसजेंडर का ऑप्शन मेडिकल एग्जाम में नहीं दिया है। जिस वजह से वो फेल हो गए और उन्हें साइकोमेट्रिक टेस्ट में अनफिट घोषित कर दिया। DGCA के मुताबित हैरी की हार्मोन थेरेपी की वजह से उन्हें उड़ान की इजाजत नहीं दी जा सकती। क्योंकि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (जनरल ऑफ सिविल एविएशन) का कहना है जब तक हैरी हार्मोन थेरेपी पर है तब तक उड़ान भरने के योग्य नहीं हैं।

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कौन है एडम हैरी

Transgender pilot broken dream story: हैरी का जन्म केरल के त्रिशूर में मुस्लिम परिवार में हुआ था और शुरू से ही उन्हें एक महिला का रूप दिया था। लेकिन बड़े होकर जब उन्होंने अपने बाल कटवाने चाहे तो उनके परिवार वालों ने उन्हें मारा पीटा। जिसके बाद 17 की उम्र में जब उन्होंने ट्रांस मैन होने की बात कही तो उनके घरवालों ने उन्हे 10 महीने के लिए हाउस में बंद कर उन्हे खूब पीटा और महिला की तरह रहने का दबाव उन पर डाला गया। लेकिन कुछ समय बाद हैरी घर से भाग गए और कुछ दिनों तक वो फुटपाथ पर रहे। इस दौरान उन्होंने जूस की दुकान पर काम किया। आखिरकार उन्होंने ट्रांस मैन की तरह रहने का फैसला किया। लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनका जेंडर चेंज करने से उनके सपने टूट जाएंगे।

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