(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (भाषा) भारतीय सेना ने सोमवार को तुर्की के सशस्त्र ड्रोन ‘यिहा’ का पुनर्निर्मित मॉडल प्रदर्शित किया, जिसे भारत ने 10 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान मार गिराया था।
विजय दिवस के उपलक्ष्य में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बहु-भूमिका वाले कामिकेज श्रेणी के ड्रोन का प्रदर्शन किया गया।
भारत और पाकिस्तान के बीच सात से 10 मई तक चले संघर्ष के दौरान पड़ोसी ने बड़ी संख्या में ‘यिहा’ नामक एकल-उपयोग वाले मानवरहित लड़ाकू हवाई वाहनों (यूसीएवी) का इस्तेमाल विभिन्न भारतीय सैन्य और नागरिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए किया था।
भारतीय सेना ने हालांकि लगभग सभी ड्रोन को मार गिराया था।
सैन्य अधिकारियों के अनुसार, कार्यक्रम में प्रदर्शित किया गया यिहा ड्रोन 10 मई को 2000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ रहा था। उन्होंने बताया कि इसे लाहौर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से रवाना किया गया था और इसका लक्ष्य जालंधर था।
उन्होंने कहा कि 10 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री ले जा रहे ड्रोन को भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली (एएडी) ने मार गिराया। रिमोट से संचालित यह ड्रोन लक्ष्य से टकराते ही विस्फोट करने के मकसद से बनाया गया था।
इस ड्रोन के पंखों की लंबाई दो मीटर थी। इस यूसीएवी को 170 सीसी हॉर्सपावर वाले ‘टू-स्ट्रोक’ इंजन से संचालित किया जाता है।
भारतीय सेना ने अपने ड्रोन-रोधी तंत्र का उपयोग करते हुए बड़ी संख्या में कामिकेज ड्रोन को नष्ट कर दिया था।
कामिकेज श्रेणी के ड्रोन को ‘आत्मघाती ड्रोन’ के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि ये ऐसी अस्त्र प्रणाली हैं जो किसी लक्ष्य क्षेत्र के ऊपर मंडरा सकते हैं, हमला करने से पहले एक उपयुक्त लक्ष्य की तलाश करते हैं।
भाषा प्रशांत नेत्रपाल
नेत्रपाल