हलफनामे के बिना दाखिल चुनावी याचिका को शुरुआती दौर में ही खारिज नहीं किया जा सकता: उच्चतम न्यायालय

हलफनामे के बिना दाखिल चुनावी याचिका को शुरुआती दौर में ही खारिज नहीं किया जा सकता: उच्चतम न्यायालय

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  • Publish Date - December 14, 2021 / 12:58 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:23 PM IST

नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि निर्वाचित उम्मीदवार की केवल उस अर्जी पर शुरुआती दौर में किसी चुनावी याचिका को खारिज नहीं किया जा सकता कि याचिका के समर्थन में चुनाव आचरण नियम, 1961 के तहत निर्धारित हलफनामे दाखिल नहीं किया गया है।

न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश की पीठ ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें वर्ष 2019 में हासन लोकसभा क्षेत्र से प्राज्वल रेवन्ना की जीत के खिलाफ दायर एक चुनावी याचिका को खारिज कर दिया गया था।

भाजपा उम्मीदवार ए. मंजू ने रेवन्ना के निर्वाचन को इस आधार पर चुनौती दी थी कि उनके चुनावी हलफनामे में कथित तौर पर उनकी संपत्ति का खुलासा नहीं किया गया था।

शीर्ष अदालत के समक्ष यह प्रश्न था कि क्या प्रतिवादी/निर्वाचित उम्मीदवार की याचिका पर एक चुनाव याचिका को शुरुआती दौर में ही खारिज किया जा सकता है क्योंकि याचिका फॉर्म-25 में एक हलफनामे द्वारा समर्थित नहीं है, जैसा कि चुनाव आचरण नियम,1961 के प्रावधान 94ए के तहत निर्धारित है और भले ही याचिका भ्रष्ट आचरण के आरोपों पर आधारित हो।

पीठ ने कहा, ”हम उच्च न्यायालय के इस निष्कर्ष से सहमत नहीं हैं कि फॉर्म 25 जमा नहीं करने से चुनावी याचिका खारिज हो जाएगी।”

भाषा

शफीक सिम्मी

सिम्मी