मत्स्य पालन, जलीय कृषि की संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए लक्षद्वीप में पहली बार निवेशकों का सम्मेलन

मत्स्य पालन, जलीय कृषि की संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए लक्षद्वीप में पहली बार निवेशकों का सम्मेलन

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  • Publish Date - December 14, 2025 / 02:44 PM IST,
    Updated On - December 14, 2025 / 02:44 PM IST

कवारत्ती, 14 दिसंबर (भाषा) केंद्र सरकार ने लक्षद्वीप प्रशासन के सहयोग से केंद्र शासित प्रदेश में मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए निवेशकों का सम्मेलन आयोजित किया है।

‘लक्षद्वीप द्वीप समूह के मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र में निवेश के अवसरों’ पर एक सम्मेलन शनिवार को बंगाराम द्वीप पर आयोजित किया गया।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार केंद्र सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मत्स्य विभाग ने लक्षद्वीप प्रशासन के साथ मिलकर इस कार्यक्रम का आयोजन किया।

बयान में कहा गया है, ‘‘द्वीप में यह अपनी तरह की पहली निवेशक बैठक थी, जिसमें देश भर के विभिन्न निवेशकों ने भाग लिया। अब तक लगभग 519 करोड़ रुपये के निवेश की परिकल्पना की गई है।’’

इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह, एस पी सिंह बघेल और जॉर्ज कुरियन के साथ-साथ लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल पटेल भी उपस्थित थे।

अपने संबोधन में रंजन सिंह ने कहा कि केंद्र ने विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में मछली पकड़ने के नियम जारी किए हैं और इसलिए वहां काम करने वाले मछुआरे अब अधिकृत ‘एक्सेस पास’ के साथ कानूनी रूप से मछली पकड़ सकते हैं, जिससे वे उच्च मूल्य वाली टूना और अन्य मछली उत्पादों का अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निर्यात कर सकेंगे।

बघेल ने अपने संबोधन में लक्षद्वीप की अप्रयुक्त मत्स्य पालन क्षमता पर प्रकाश डाला और द्वीपसमूह के वर्तमान 14,000 टन उत्पादन एवं इसकी एक लाख टन की क्षमता के बीच के अंतर को पाटने की आवश्यकता पर बल दिया।

भाषा शोभना सिम्मी

सिम्मी