आइजोल, 14 दिसंबर (भाषा) मिजोरम में लाई स्वायत्त जिला परिषद में चुनाव खंडित जनादेश आने के छह दिन बीत चुके हैं, लेकिन रविवार तक कोई भी पार्टी 25 सदस्यीय एलएडीसी में कार्यकारी निकाय बनाने के लिए गठबंधन करने में सक्षम नहीं हो पाई है।
तीन दिसंबर को हुए एलएडीसी चुनावों में, मुख्य विपक्षी दल मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) आठ सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरा है, जबकि कांग्रेस सात सीट जीतकर दूसरे स्थान पर रही।
सत्तारूढ़ जोराम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ा। पार्टी ने छह सीट पर जीत हासिल की, जबकि भाजपा को दो सीट मिलीं।
पूर्व एलएडीसी मुख्य कार्यकारी सदस्य (सीईएम) वी. जिरसांगा सहित दो अन्य उम्मीदवार भी निर्वाचित हुए। 25 सदस्यीय एलएडीसी में बहुमत हासिल करने के लिए किसी भी पार्टी को 13 सीट जीतने की आवश्यकता है।
कांग्रेस के प्रवक्ता लालरेमरुआता रेंथलेई ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि हाल ही में कांग्रेस द्वारा एमएनएफ के साथ किए गए चुनाव पूर्व समझौते को तोड़ने के बाद, उनकी पार्टी और जेडपीएम के बीच गठबंधन परिषद बनाने के लिए बातचीत चल रही है। कांग्रेस ने एमएनएफ के साथ हाल में ही चुनाव पूर्व गठबंधन तोड़ लिया था।
उन्होंने कहा कि अगले कार्यकारी निकाय के गठन के लिये अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है, लेकिन इस मामले का जल्द ही समाधान होने की संभावना है।
चुनाव से पहले, कांग्रेस और एमएनएफ ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके अनुसार दोनों पार्टियां चुनाव के दौरान और अगली कार्यकारी समिति के गठन में एक साथ काम करेंगी।
हालांकि, कांग्रेस ने 12 दिसंबर को यह कहते हुए एमएनएफ के साथ संबंध तोड़ लिए कि एमएनएफ ने चुनाव पूर्व समझौते का उल्लंघन किया था और कांग्रेस के एक सदस्य सहित कई निर्वाचित परिषद सदस्यों की खरीद-फरोख्त का प्रयास किया था।
लॉन्गतलाई जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जे रोपियांगा चिनजाह ने भी एक बयान में दावा किया कि एमएनएफ ने एक निर्वाचित जेडपीएम नेता को मुख्य कार्यकारी सदस्य के पद की पेशकश करने का लालच देने की भी कोशिश की।
हालांकि, एमएनएफ के उपाध्यक्ष और मिजोरम विधानसभा में विपक्ष के नेता लालचंदमा राल्ते ने आरोपों से इनकार किया।
भाषा तान्या दिलीप
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