जम्मू, 14 दिसंबर (भाषा) पुलिस जांच से संतुष्ट न होने पर, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने पिछले साल अगस्त में यहां फंदे पर लटकी पाई गई 13 वर्षीय लड़की की मौत की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का आदेश दिया है।
अदालत ने कहा कि उसे नहीं लगता कि नाबालिग की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए जिला पुलिस की ओर से गंभीरता से प्रयास किया जा रहा है।
मृतका के पिता भलवाल तहसील के एक गांव के निवासी हैं। उन्होंने आशंका जताई कि उनकी बेटी के साथ बलात्कार हुआ और हत्या कर दी गई।
उन्होंने पुलिस की ओर से लड़की की मौत का कारण पता लगाने में ‘‘विफलता’’ के मद्देनजर जांच को जम्मू अपराध शाखा को सौंपने का अनुरोध किया।
लड़की 15 अगस्त, 2024 को फंदे पर लटकी हुई मिली थी। याचिका आठ अक्टूबर, 2024 को दायर की गई थी।
पुलिस द्वारा दायर की गई स्थिति रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए, न्यायमूर्ति राहुल भारती ने 10 दिसंबर को अपने आठ-पृष्ठ के आदेश में कहा कि जांच शुरू में एक परिवीक्षाधीन उपनिरीक्षक को सौंपी गई थी, जो लड़की की संदिग्ध मौत से जुड़े मामले से निपटने में ‘‘ढर्रागत सोच’’ को दर्शाती है।
अदालत ने चेताया कि लगातार देरी से महत्वपूर्ण सबूतों का नुकसान होगा, और निष्कर्ष पर असर पड़ेगा। तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर दखल की जरूरत बताते हुए अदालत ने कहा कि वह ‘‘पूरी तरह से आश्वस्त है कि यह ऐसा मामला है जिसकी जांच सीबीआई के अलावा किसी और द्वारा नहीं की जानी चाहिए।’’
इसने प्रभारी विशेष जांच टीम (एसआईटी), अखनूर के उप-मंडल पुलिस अधिकारी और सीबीआई जम्मू के पुलिस अधीक्षक वी चंदू की व्यक्तिगत उपस्थिति का निर्देश दिया और 18 दिसंबर को अगली सुनवाई की तारीख पर संपूर्ण जांच और पूछताछ का रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया।
भाषा आशीष नेत्रपाल
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