बिहार चुनाव में पहली बार कहीं भी पुनर्मतदान की जरूरत नहीं पड़ी, ना ही कोई मौत हुई

बिहार चुनाव में पहली बार कहीं भी पुनर्मतदान की जरूरत नहीं पड़ी, ना ही कोई मौत हुई

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  • Publish Date - November 14, 2025 / 02:12 PM IST,
    Updated On - November 14, 2025 / 02:12 PM IST

नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) बिहार विधानसभा चुनाव के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि मतदान के दिन किसी की भी मौत नहीं हुई और किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में पुनर्मतदान की जरूरत नहीं पड़ी।

आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले विधानसभा चुनावों में राज्य में हिंसा हुई, कुछ मौतें भी हुईं और कई निर्वाचन क्षेत्रों में फिर से चुनाव भी कराने पड़े थे।

आंकड़ों के अनुसार, 1985 के चुनावों में 63 मौतें हुई थीं और 156 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान का आदेश दिया गया था। साल 1990 के चुनावों के दौरान, चुनाव संबंधी हिंसा में 87 लोग मारे गए थे।

साल 1995 में, तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त टी एन शेषन ने अप्रत्याशित हिंसा और चुनावी कदाचार के कारण बिहार चुनावों को चार बार स्थगित करने का आदेश दिया था।

आंकड़ों के अनुसार, 2005 में हिंसा और कदाचार के कारण 660 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान हुआ था।

बिहार में इस साल दो चरणों में विधानसभा चुनाव हुए और इसके लिए मतगणना जारी है।

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र मनीषा

मनीषा