चेन्नई, 24 दिसंबर (भाषा) तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक)और उसके सहयोगी दलों ने मनरेगा अधिनियम के स्थान पर ‘विकसित भारत जी रामजी’ अधिनियम लाने और नए कानून में महात्मा गांधी का नाम हटाने को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की निंदा की और बुधवार को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के दौरान तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)की प्रमुख सहयोगी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक)की भी निंदा की गई, जिसने इस मामले पर केंद्र सरकार का ‘समर्थन’ किया है।
राज्य में सत्तारूढ़ दल ने नये कानून को वापस लिए जाने और पूर्ववर्ती ग्रामीण रोजगार गांरटी अधिनियम को महात्मा गांधी के नाम के साथ बहाल करने की मांग की।
मुख्यमंत्री और द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन ने दावा किया कि पूरे राज्य में करीब 389 स्थानों पर गरीब कृषि मजदूर एकत्र हुए और ‘मनरेगा को बहाल ’ करने और अपने जीविकोपार्जन को बचाने की मांग की।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच पर जारी एक पोस्ट में कहा, ‘‘भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार गांधीजी के प्रति घृणा का भाव रखती है। उसे यह समझना चाहिए कि यह तमिलनाडु से सभी भारतीय किसानों के समर्थ में बुलंद आवाज है! उन्हें गरीबों की आजीविका सुनिश्चित करनी चाहिए।’’ उन्होंने पोस्ट में ‘‘मनरेगा बचाओ’’ और ‘‘वीबी-जी रामजी रद्द करो’’ जैसे हैशटैग का इस्तेमाल किया।
चेन्नई में, द्रमुक के सहयोगी दलों के नेताओं ने भी विरोध प्रदर्शन किया, जिनमें विदुथालाई चिरुथैगल कच्ची (वीसीके) प्रमुख थोल थिरुमावलवन और मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एमडीएमके) के महासचिव वाइको शामिल थे।
भाषा धीरज पवनेश
पवनेश