साक्षरता, संख्या ज्ञान के लिये राष्ट्रीय बुनियादी साक्षरता और आंकिकी मिशन शुरू करेगी सरकार

साक्षरता, संख्या ज्ञान के लिये राष्ट्रीय बुनियादी साक्षरता और आंकिकी मिशन शुरू करेगी सरकार

साक्षरता, संख्या ज्ञान के लिये राष्ट्रीय बुनियादी साक्षरता और आंकिकी मिशन शुरू करेगी सरकार
Modified Date: November 29, 2022 / 08:26 pm IST
Published Date: January 24, 2021 6:53 am IST

(दीपक रंजन)

नयी दिल्ली, 24 जनवरी (भाषा) सरकार जल्द ही राष्ट्रीय बुनियादी साक्षरता और आंकिकी मिशन शुरू करने जा रही है जिसके जरिये 3 से 11 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों की साक्षरता और संख्या ज्ञान सुनिश्चित किया जायेगा ।

शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने ‘भाषा’ को बताया, ‘‘ स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को समग्र शिक्षा अभियान के संशोधित रूप के साथ जोड़ने का प्रस्ताव दिया है। ’’

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उन्होंने बताया कि समग्र शिक्षा के इस अभियान के तहत बच्चों के लिए एक वर्ष के अंदर चरणबद्ध तरीके से बाल वाटिका और अध्यापक शिक्षा सामग्री (टीएलएम) शुरू करने के साथ राष्ट्रीय बुनियादी साक्षरता एवं आंकिकी मिशन स्थापित किया जायेगा ।

गौरतलब है कि केन्द्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले वर्ष शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की घोषणा की थी जिसमें बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान पर जोर दिया गया था ।

इसी के अनुरूप देश में ग्रेड 3 तक बच्चों में साक्षरता और संख्या ज्ञान सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय बुनियादी साक्षरता और आंकिकी मिशन शुरू करने की बात कही गई है ।

मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इसके लिए शिक्षकों में क्षमता निर्माण, एक मजबूत पाठ्यक्रम ढांचा, ऑनलाइन और ऑफलाइन सीखने की सामग्री को आकर्षक बनाने, सीखने के परिणामों और उनके माप के सूचकांकों, मूल्यांकन तकनीकों तथा सीखने की प्रगति पर नज़र रखने जैसे कार्यों को एक व्यवस्थित रूप दिया जाएगा।

विभाग का मानना है कि मिशन से 3 से 11 वर्ष के आयु वर्ग के लगभग चार करोड़ बच्चे लाभान्वित होंगे।

अधिकारियों ने बताया कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, समग्र शिक्षा अभियान, मध्याह्न भोजन योजना और पढ़ना-लिखना अभियान जैसी अपनी मौजूदा योजनाओं को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में दिए गए सुझावों के साथ जोड़ रहा है।

इसमें मध्याह्न भोजन योजना के अनुरूप स्कूलों में बच्चों को पोषक नाश्ता उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है ।

गौरतलब है कि नई शिक्षा नीति में प्रस्ताव किया गया है कि मध्याह्न भोजन के दायरे का विस्तार कर उसमें नाश्ते का प्रावधान जोड़ा जाए।

इसमें कहा गया है, ‘‘शोध बताते हैं कि सुबह के समय पोषक नाश्ता ज्ञान-संबंधी असामान्य मेहनत वाले विषयों की पढ़ाई में लाभकारी हो सकता है। इसलिए बच्चों को मध्याह्न भोजन के अतिरिक्त साधारण लेकिन स्फूर्तिदायक नाश्ता देकर सुबह के समय का लाभ उठाया जा सकता है।’’

अधिकारियों ने बताया कि समग्र शिक्षा के इस अभियान के तहत बच्चों के लिए एक वर्ष के अंदर चरणबद्ध तरीके से शिक्षकों के क्षमता विकास के लिए 50 घंटे का अनिवार्य प्रशिक्षण, एक दिन बिना बस्ते के स्कूल आने की छूट, स्कूलों में नहीं पढ़ने वाले बच्चों के लिए मदद, विशेष मदद की जरुरतों वाली बालिकाओं के लिए अलग से वजीफे की व्यवस्था, प्रखंड स्तर पर विशेष जरूरतों वाले बच्चों और उनके लिए बनाए गए केन्द्रों की पहचान की व्यवस्था करने पर जोर दिया जायेगा ।

भाषा दीपक

प्रशांत

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