बैठक कर एयर प्यूरीफायर पर से जीएसटी कम करने पर विचार करे जीएसटी परिषद: दिल्ली उच्च न्यायालय

बैठक कर एयर प्यूरीफायर पर से जीएसटी कम करने पर विचार करे जीएसटी परिषद: दिल्ली उच्च न्यायालय

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  • Publish Date - December 24, 2025 / 08:43 PM IST,
    Updated On - December 24, 2025 / 08:43 PM IST

नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए जीएसटी परिषद को निर्देश दिया कि वह जल्द से जल्द बैठक करे और ‘एयर प्यूरीफायर’ पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कम करने या समाप्त करने पर विचार करे।

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने इस मामले को 26 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध किया, ताकि संबंधित प्राधिकरणों की ओर से पेश वकील अदालत को यह बता सकें कि परिषद कब बैठक कर सकती है।

अदालत ने कहा कि यदि परिषद की बैठक भौतिक रूप से संभव नहीं हो, तो वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित करने पर विचार किया जा सकता है।’

केंद्र सरकार की ओर से जब अदालत को बताया गया कि जीएसटी परिषद पूरे देश में स्थापित संस्था है और किसी भी मामले पर बैठक बुलाने में कुछ समय लग सकता है, तो पीठ ने कहा, ‘हम जीएसटी परिषद की संरचना और गठन से अवगत हैं और यह भी समझते हैं कि बैठक बुलाने में समय लग सकता है।”

पीठ ने कहा, “हालांकि, दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, हमें लगता है कि परिषद को जल्द से जल्द बैठक बुलाने की आवश्यकता है।

पीठ ने याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।

अदालत एक जनहित याचिका (पीआईएल) की सुनवाई कर रही है, जिसमें केंद्र सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि एयर प्यूरीफायर को ‘‘चिकित्सा उपकरण’’ के रूप में वर्गीकृत किया जाए और उन पर लगने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को घटाकर पांच प्रतिशत किया जाए। फिलहाल एयर प्यूरीफायर पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है।

अधिवक्ता कपिल मदन द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण के कारण उत्पन्न ‘अत्यंत आपातकालीन संकट’ के मद्देनजर प्यूरीफायर को विलासिता की वस्तु नहीं माना जा सकता।’

इससे पहले, आज उच्च न्यायालय ने अधिकारियों द्वारा ऐसी ‘‘आपात स्थिति’’ में एयर प्यूरीफायर पर कर में छूट देने के लिए कुछ भी न किए जाने पर नाराज़गी जताई, जबकि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है।

याचिका में तर्क दिया गया है कि घर के अंदर स्वच्छ हवा तक पहुंच अब स्वास्थ्य और जीवन रक्षा के लिए अनिवार्य हो गई है।

याचिका में कहा गया है, ‘‘घर के अंदर सुरक्षित हवा सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य हो चुके एयर प्यूरीफायर जैसे उपकरण पर उच्चतम जीएसटी दर लगाना आबादी के बड़े हिस्से के लिए इन्हें आर्थिक रूप से पहुंच से बाहर कर देता है और इस प्रकार यह एक मनमाना, अविवेकपूर्ण और संवैधानिक रूप से अस्वीकार्य बोझ डालता है।’’

भाषा जोहेब नरेश

नरेश