गुजरात के प्रमुख अधिवक्ता यतीन ओझा को अवमानना के मामले में अदालत की कार्यवाही पूरी होने तक हिरासत में रहने की सजा सुनाई

गुजरात के प्रमुख अधिवक्ता यतीन ओझा को अवमानना के मामले में अदालत की कार्यवाही पूरी होने तक हिरासत में रहने की सजा सुनाई

  •  
  • Publish Date - October 7, 2020 / 01:44 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:18 PM IST

अहमदाबाद, सात अक्टूबर (भाषा) गुजरात उच्च न्यायालय ने उसे ‘जुए का अड्डा’ बताने पर बुधवार को वकील यतीन ओझा को आपराधिक अवमानाना के अपराध में पीठ के उठने तक हिरासत में रखने की सजा सुनायी और उन पर दो हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया।

सजा सुनाने के बाद अदालत ने अपना आदेश पर 60 दिन के लिए रोक लगा दी ताकि ओझा अवमानना अधिनियम के तहत इस आदेश के विरूद्ध अपील कर सकें।

गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ओझा ने छह जून को फेसबुक पर प्रेस कांफ्रेंस करके उच्च न्यायलाय की रजिस्ट्री के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं।

उच्च न्यायालय ने इसका स्वत: संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू की थी जिसके तहत उन्हें मंगलवार को दोषी ठहराया गया था।

इस मामले में अदालत की ओर से पेश वकील निशा ठाकुर ने बताया कि न्यायमूर्ति सोनिया गोकणी और न्यायमूर्ति एन वी अंजारिया की खंडपीठ ने ओझा को कार्यवाही के समापन तक अदालत में मौजूद रहने की सजा सुनायी और 2000 रूपये का जुर्माना लगाया। जुर्माना नहीं भरने पर उन्हें दो महीने तक जेल में रहना होगा।

अदालत ने अदालत की अवमानना कानून की धारा 19 के तहत सजा पर रोक लगाने के विषय पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं ।

ठाकुर ने कहा, ‘‘ अदालत ने अपने आदेश पर 60 दिन के लिए रोक लगा दी है ताकि वह इस आदेश के विरूद्ध अपील कर सकें।’’

इससे पहले, अदालत ने अपनी टिप्पणियों के लिये यतीन ओझा की बिना शर्त क्षमा याचना अस्वीकार कर दी थी। अदालत ने ओझा की टिप्पणियों को बहुत ही दुर्भाग्यपूर् करार दिया था। अदालत ने पहले ही ओझा की वरिष्ठ अधिवक्ता की पदवी वापस ले ली थी।

भाषा

राजकुमार उमा अनूप

अनूप