स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा : कर्मचारियों की जेब से होने वाले फुटकर खर्च में व्यापक कमी

स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा : कर्मचारियों की जेब से होने वाले फुटकर खर्च में व्यापक कमी

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  • Publish Date - October 7, 2022 / 05:16 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:51 PM IST

नयी दिल्ली, सात अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि 2018-19 के राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा (एनएचए) अनुमानों में कर्मचारियों द्वारा किये जाने वाले फुटकर खर्च (ओओपीई) में व्यापक कमी नागरिकों के वित्तीय बोझ को कम करने की सरकार की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करती है। मंत्रालय ने साथ ही, संबंधित आंकड़ों की शुद्धता पर सवाल खड़े करने वाली रिपोर्ट को खारिज कर दिया है।

मंत्रालय ने मीडिया में प्रकाशित ऐसी खबरों को ‘भ्रामक और गलत’ करार दिया।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एनएचए (2018-19) की आलोचना ‘‘तथ्यों और उचित कारणों की अनदेखी करने का एक विशिष्ट प्रथम दृष्टया उदाहरण है’’ और इसके उचित ठहराने का दायित्व दूसरों पर छोड़ा जा रहा है।

एनएचए देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए खर्च के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है।

बयान में कहा गया है, ‘‘हालिया एनएचए अनुमान (2018-19) ओओपीई में पर्याप्त कमी दर्शाता है, जो नागरिकों के वित्तीय बोझ को कम करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।’’

बयान के अनुसार, इस आंकड़े को एक निजी भारतीय विश्वविद्यालय में कार्यरत स्वास्थ्य अर्थशास्त्र के एक विशेषज्ञ द्वारा ‘‘मृगतृष्णा’’ करार दिया जाना और मीडिया के कुछ वर्गों में इसे उद्धृत करना न तो उचित है, न ही तर्कसंगत।

मंत्रालय के बयान में कहा गया है, ‘‘यद्यपि उन्हीं विशेषज्ञों ने 2014 के आंकड़ों को स्पष्ट रूप से स्वीकार किया था, लेकिन 2017-18 के आंकड़ों को ‘संदिग्ध’ बताना वास्तव में मनमाना है।’’

भाषा सुरेश पवनेश

पवनेश